सिंगापुर, 01 जून (वेब वार्ता) फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने कहा है कि उनकी सरकार क्षेत्रीय स्थिरता में मददगार स्तंभों के निर्माण के क्रम में भारत जैसे मित्रों के साथ संबंधों को और अधिक मजबूत करेगी।
इसके साथ ही उन्होंने चीन को दक्षिण चीन सागर में सीमा रेखा पार न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बीजिंग के जानबूझकर किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप फिलीपीन के किसी भी नागरिक की मृत्यु होती है तो मनीला इसे ‘युद्ध के कृत्य’ के रूप में मानेगा और इसी के अनुसार जवाबी कार्रवाई करेगा।
मार्कोस ने शुक्रवार रात वार्षिक शांगरी-ला संवाद में कहा, ‘‘हमारी व्यापक द्वीपसमूह रक्षा अवधारणा के तहत, हम अपनी सेनाओं को उन क्षेत्रों में तैनात करने की क्षमता विकसित करेंगे जहां हमें संवैधानिक कर्तव्य और कानूनी अधिकार के अनुरूप अपने हितों की रक्षा तथा अपनी विरासत को संरक्षित करने की जरूरत होगी।उन्होंने कहा कि फिलीपीन क्षेत्रीय स्थिरता में मददगार स्तंभों के निर्माण के क्रम में भारत तथा दक्षिण कोरिया जैसे मित्रों के साथ संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करेगा।दक्षिण चीन सागर और विशाल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव को रेखांकित करते हुए मार्कोस ने कहा, ‘‘जिस तरह हम अंतरराष्ट्रीय मामलों में कानून के शासन को कायम रखने के लिए काम करते हैं, वैसे ही हम अपने समुद्री क्षेत्र और वैश्विक परिदृश्य में अपने हितों की रक्षा के लिए अपनी क्षमताओं का निर्माण करेंगे।उन्होंने चीन को दक्षिण चीन सागर में सीमा रेखा पार न करने की चेतावनी दी और कहा कि यदि बीजिंग के जानबूझकर किए गए कार्यों के चलते फिलीपीन के किसी भी नागरिक की मृत्यु होती है तो मनीला इसे ‘युद्ध का कृत्य’ मानेगा और इसी के अनुसार जवाब देगा।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं।
अप्रैल में, फिलीपीन ने 2022 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के समझौते के हिस्से के रूप में भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों की खेप प्राप्त की थी।
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की संयुक्त उद्यम कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने फिलीपीन को तट आधारित पोत विध्वंसक मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति करने के लिए जनवरी 2022 में मनीला के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
हाल में, एक भारतीय नौसैन्य पोत ने फिलीपीन की सद्भावना यात्रा की थी। भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के बीच कई बहुपक्षीय सहयोग समझौते हुए हैं जिनमें फिलीपीन एक प्रमुख सदस्य है।