Tuesday, December 2, 2025
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Tehrik‑e‑Taliban Pakistan (TTP) की धमकी ने Pakistan Army को घेरा; आतंकी नेटवर्क बढ़ रहा है

नई दिल्ली | वेब वार्ता

पाकिस्तान में आतंकवादी सक्रियता फिर से एक गंभीर मोड़ पर पहुंच चुकी है। Tehrik‑e‑Taliban Pakistan (TTP) ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर देश की सेना को खुली चुनौती पेश की है। इस वीडियो में TTP कमांडर Kāẓim ने सेना प्रमुख Asim Munir को सीधे ललकारते हुए कहा है कि “अगर तुममें हिम्मत है तो मैदान में आओ और हमसे मुकाबला करो। अगर तुम मर्द हो तो हमारा सामना करो।” इस बयान ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर खतरों की घंटी बजा दी है।

TTP की धमकी और आसपास की स्थिति

TTP ने यह धमकी ऐसे समय दी है जब समूह ने सीमांत इलाकों में अपने हमलों की गतिविधियों को तेज किया है। पाकिस्तान के अंदर तथा सीमा-पार क्षेत्रों में उसकी सक्रियता ने सीधे वर्चस्व की चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक, TTP अब सिर्फ विरोधी संगठन नहीं बल्कि एक क्षेत्रीय नेटवर्क बन चुका है, जो अन्य चरमपंथी समूहों के साथ गठबंधन कर रहा है।

सीमा पर झड़पें और हमले

अक्टूबर 2025 में टीटीपी द्वारा पाकिस्तान के सीमांत इलाकों में हमले किए गए हैं। उदाहरण के लिए, Khyber Pakhtunkhwa के Orakzai जिले में एक अभियान में 11 पैरामिलिटरी जवान मारे गए और 19 टीटीपी मिलानीएँ ढेर हुईं। ऐसी घटनाएं पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बन रही हैं क्योंकि सुरक्षा बलों पर हमला बढ़ रहा है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है। देश के गृह मंत्रालय तथा विदेश कार्यालय ने बार-बार कहा है कि अफगानिस्तान की धरती पर टीटीपी जैसे गुटों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तो किसी वार्ता या समझौते का कोई आधार नहीं। रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि TTP के साथ कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

क्यों बढ़ रही है TTP की ताकत?

– टीटीपी ने 2024 में हमला-दरों में लगभग 90 % की वृद्धि दर्ज की है।
– अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान सरकार के आने से टीटीपी को पत्रकुआवन पनाह-गाह मिली है।
– पाकिस्तान की सेना-सुरक्षा व्यवस्था पर हमले वृद्धि के साथ सीमांत इलाकों में असर बढ़ा है।

नेपाल से अस्‍थाई मुकाबले की रणनीति

TTP की रणनीति सिर्फ मध्यरात्रि हमले, घात-प्रहार नहीं रही बल्कि सामाजिक-मीडिया प्रचार, सीमा-पार नेटवर्क और अन्य गुटों के साथ गठजोड़ की ओर बढ़ रही है। पाकिस्तान का कहना है कि TTP अन्य आतंकी समूहों के लिए एक माहौल-सृजन केंद्र बन रहा है।

पाकिस्तानी सेना-रुख में बदलाव

सेना के प्रमुख Asim Munir ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि “न तो हम दबेंगे, न धमकाए जाएंगे; किसी छोटी-सी उकसावे की कार्रवाई पर भी हम बेहद निर्णायक रूप से जवाब देंगे।” इस तरह की चेतावनियाँ यह दर्शाती हैं कि पाकिस्तान ने अंदरूनी खतरे को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ की श्रेणी में लिया है।

संभावित परिणाम और चुनौतियाँ

  1. सैन्य व जवाबी ऑपरेशन का बढ़ जाना: पाकिस्तान को अब भीतर-से खतरे का सामना करना पड़ेगा, जिसे अब तक बाहरी मोर्चे पर देखा जाता था।

  2. सीमा-पार समस्या का गहरा होना: अगर अफगानिस्तान में टीटीपी या अन्य गुटों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो पाकिस्तान को दवाब बढ़ता मिलेगा।

  3. आर्थिक व सामाजिक असर: आतंकवादी हमले निवेश व विकास परियोजनाओं को प्रभावित कर सकते हैं, विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) जैसी अहम परियोजनाओं पर।

  4. स्थिरता की कमी: जब आंतरिक सुरक्षा कमजोर होगी तो पाकिस्तान की समग्र रणनीतिक स्थिति संकटग्रस्त हो सकती है।

निष्कर्ष

TTP द्वारा पाकिस्तान सेना को खुली चुनौती व लगातार हमले ने पाकिस्तान को नई वास्तविकता से सामना कराया है — आंतरिक सुरक्षा का खतरा सिर्फ ‘सैनिकों की गलियों’ तक सीमित नहीं बल्कि पूरे राज्य-संरचना को चुनौती दे रहा है। अब वक्त है कि पाकिस्तान नेतृत्व अपनी रणनीति, सीमा-पार नियंत्रण, आतंक-प्रचार नेटवर्क व सामुदायिक-सहभागीकरण को पुनर्परिभाषित करे।

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