वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर तीखा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि भारत बहुत अधिक शुल्क (टैरिफ) लगाता है, जिसके चलते अमेरिका उसके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार करता है। उन्होंने इसे अमेरिका के लिए नुकसानदायक बताते हुए कहा कि भारत अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं है।
सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ बड़ा व्यापार करता है, लेकिन अमेरिका उस अनुपात में भारत के साथ व्यापार नहीं करता। इस असंतुलन को दूर करने के लिए उन्होंने टैरिफ दरों में वृद्धि की बात कही। ट्रंप ने कहा, “मैं 25 प्रतिशत टैरिफ पर सहमत हुआ हूं और अगले 24 घंटों में इसे और बढ़ा सकता हूं।”
भारत की रूस से व्यापारिक साझेदारी पर भी सवाल
ट्रंप ने भारत की रूस से तेल खरीदने और युद्धक विमानों को ईंधन देने जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि यह अमेरिका की वैश्विक रणनीति के खिलाफ है और इससे संबंधों में खटास आ सकती है।
दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताएं गिनाईं
सीएनबीसी के स्क्वॉक बॉक्स कार्यक्रम में ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियों और योजनाओं को भी साझा किया। उन्होंने चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष के अंत तक एक बैठक संभव है। ट्रंप ने दावा किया कि उनकी नीतियों से अमेरिका को खरबों डॉलर का व्यापारिक लाभ हुआ है।
सेमीकंडक्टर पर भी नए टैरिफ की तैयारी
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि अमेरिका जल्द ही सेमीकंडक्टर और चिप निर्माण को लेकर भी नए टैरिफ लगाने जा रहा है। उनका कहना है कि अमेरिका चाहता है कि ये तकनीकी उत्पाद देश के भीतर ही बनें। उन्होंने ताइवान से सेमीकंडक्टर आयात पर भी चिंता जताई।
बड़े बैंकों और विदेशी श्रमिकों पर भी निशाना
अपने साक्षात्कार में ट्रंप ने रूढ़िवादी समूहों के साथ भेदभाव के लिए बड़े बैंकों की आलोचना की। साथ ही विदेशी मूल के श्रमिकों की संख्या में आई गिरावट को अपनी सरकार की सफलता बताया।