-चुनाव प्रचार के दौरान भारतीयों की मदद का दिया था भरोसा
वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। डोनाल्ड ट्रंप पिछले साल अमेरिकी राष्टपति चुनावों में कैंपेनिंग कर रहे थे, तब भारत के लोगों को उम्मीद थी कि वह वे दोस्त के तौर पर कई कदम उठाएंगे, इससे भारत को फायदा होगा। लेकिन उन्होंने एक माह के भीतर ही पांच इतने बड़े झटके दिए हैं, जिससे भारत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसमें हमारी सबसे महत्वाकांक्षी तेजस परियोजना भी है, जिसके लिए इंजन देने पर अमेरिका ने रोक लगा दी हैं। सबसे खराब बात ये है कि भारत जैसे देश के अवैध प्रवासियों को ट्रंप राज में बहुत बुरा सलूक कर अपमानित करने के अंदाज में वापस भारत लौटाया जा रहा है। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनाते ही भारत को पांच बड़े झटके दिए हैं जिसके बार में हम आपकों इस खबर में बात रहे है।
- एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदगी बढ़ाने के लिए जुटी ही थी कि ट्रंप ने उस पर ब्रेक लगा दिया है। उन्होंने मस्क के भारत में ईवी बनाने की कोशिशों की गाड़ी को पटरी पर आने से पहले ही उतार दिया है। उन्होंने कहा है कि ये अनुचित होगा, अगर मस्क भारत में टेस्ला का प्रोजेक्ट लगाते है। हाल ही में, टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में 13 पदों के लिए नौकरी के अवसरों की घोषणा की है। साथ ही टेस्ला ने महाराष्ट्र में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी है। इन कोशिशों को तब तगड़ा झटका लगा जब ट्रंप ने टेस्ला की भारत में फैक्ट्री स्थापित करने की योजना को “अमेरिका के लिए बहुत अनुचित” बताया, क्योंकि उनका मानना है कि इससे अमेरिकी निवेश और नौकरियां विदेश में स्थानांतरित होगी।
- ट्रंप का मानना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाता है, उन्होंने दुनिया के तमाम देशों पर मोटा टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें भारत भी शामिल है। चूंकि भारत अमेरिका का बड़ा कारोबारी साझेदार है, लिहाजा भारतीय उद्योगों पर इसका काफी असर पड़ने की आशंका है। जिससे निर्यात प्रभावित होगा। देश के विकास को झटका लगेगा। इतना ही नहीं ट्रंप ने भारत सहित ब्रिक्स देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
- ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता और फंडिंग में कटौती करने का फैसला किया है, इससे भारत में स्वास्थ्य सेवाओं और कृषि विकास परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है. कई योजनाएं खतरे में पड़ जाएंगी, जो अमेरिकी अनुदान पर चलती थीं या चलने वाली थीं। इसमें भारत का एजुकेशन और रिसर्च सेक्टर भी प्रभावित होगा।
- ट्रंप प्रशासन ने 200 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को अवैध अप्रवास के कारण सैन्य जहाज के द्वारा भारत भेजा है। उन्हें हाथ और पैरों में हथकड़ियां लगाकर भेजा रहा है। सिखों का आरोप है कि उनकी पगड़ियां भी उतरवा दी जा रही हैं। करीब 35 घंटे की उड़ान में उन्हें ना तरीके से बिठाया जा रहा है और ना ही खाना-पीना दिया जा रहा है।
- ट्रंप प्रशासन में तेजस फाइटर जेट के लिए इंजन की आपूर्ति में देरी हो रही है, बल्कि इंजनों को देने में टालमटोल हो रहा है, न शर्तें लादी जा रही हैं, जिससे भारत को रूस से इंजन लेने पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारत ने अमेरिका की कंपनी जीई के साथ जीई-414 इंजन की डील की थी लेकिन अमेरिकी कंपनी कई महीनों से इंजन की आपूर्ति को टाल रही है। जीई की लगातार देरी से भारत के फाइटर जेट की योजना कमजोर पड़ रही है। जीई ने भारत से समझौते के लिए 5 करोड़ डॉलर ज्यादा देने की मांग की है। इन शर्तों और बाधाओं के कारण भारत को रूस से इंजन लेने पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।