बैंकॉक/फ्नॉम पेन्ह, (वेब वार्ता)। दुनिया के सामने शांति की अपील करते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीजफायर पर सहमति बन चुकी है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। दोनों देशों की सेनाएं अब भी सीमावर्ती क्षेत्रों में आमने-सामने हैं और भारी गोलाबारी और तोपों की आवाजें लगातार सुनाई दे रही हैं।
ट्रंप बोले: युद्ध रुका, हकीकत में जारी है जंग
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “Truth Social” पर दावा किया कि उन्होंने दोनों पक्षों को समझौते के लिए राजी कर लिया है, और युद्ध स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया।
लेकिन थाईलैंड के रक्षा मंत्रालय और कंबोडिया सरकार ने इस दावे पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। थाई मीडिया और कंबोडियाई सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार रात के बाद से चार सीमाई जिलों में जबरदस्त फायरिंग और सैन्य टकराव हुआ है।
सीमा पर हालात अब भी तनावपूर्ण
प्रीह विहार मंदिर क्षेत्र, जो लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है, वहां पर थाई सैनिकों और कंबोडियाई सेना के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है। अब तक दोनों पक्षों के दर्जनों सैनिक हताहत हो चुके हैं, जबकि सैकड़ों ग्रामीणों को सीमा के आस-पास के गांवों से निकाला गया है।
ASEAN का मौन, वैश्विक चिंता बढ़ी
ASEAN ने अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है। जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश इस मुद्दे पर बैठक बुलाने पर विचार कर रहे हैं। चीन, रूस और भारत ने अब तक स्थिति पर सतर्कता बरतने की अपील की है, पर कोई पक्ष खुलकर सामने नहीं आया।
युद्ध विराम की संभावना क्षीण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का दावा भले ही आत्मप्रचार के लिए हो, लेकिन स्थायी युद्धविराम तभी संभव है जब दोनों सरकारें आपसी समझौते पर पहुंचें। फिलहाल, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के प्रधानमंत्री सेथा थाविसिन के बीच कोई सीधी वार्ता नहीं हुई है।
निष्कर्ष:
सीजफायर के दावों के बावजूद सीमाई क्षेत्रों में युद्ध जारी है। ट्रंप के दावे की हकीकत पर सवाल उठने लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब और सक्रिय भूमिका निभानी होगी ताकि यह सीमाई संघर्ष किसी व्यापक युद्ध का रूप न ले।