मॉस्को, (वेब वार्ता)। रूस के कामचात्का प्रायद्वीप में पहले से ही 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से दहशत का माहौल था और अब इसी क्षेत्र में स्थित यूरेशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी क्लुचेव्स्कॉय में अचानक विस्फोट हो गया। यह ज्वालामुखी रूस के सुदूर पूर्व में स्थित है और इसके फटने से भारी मात्रा में लावा, धुआं और राख निकलने लगी है, जिससे पूरे इलाके में भय का माहौल है।
भूकंप के कुछ ही घंटों बाद फटा ज्वालामुखी
रूसी वैज्ञानिकों ने बताया कि बुधवार देर रात क्लुचेव्स्कॉय में विस्फोट शुरू हुआ। धधकता हुआ लावा ज्वालामुखी की पश्चिमी ढलान से नीचे बहने लगा और दूर-दूर तक चमकता हुआ देखा गया। इस दृश्य को कई किलोमीटर दूर से लोगों ने देखा और सोशल मीडिया पर साझा किया।
रसियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार, यह घटना भूकंप के ठीक बाद हुई जो सामान्य प्राकृतिक घटनाओं की श्रेणी में आती है क्योंकि ऐसे शक्तिशाली भूकंप ज्वालामुखियों को भी सक्रिय कर सकते हैं।
कैसे आया भूकंप और क्या रहा असर?
यह शक्तिशाली भूकंप रूस के कामचात्का प्रायद्वीप में बुधवार सुबह आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.8 मापी गई, जो 1952 के बाद से इस क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप है।
भूकंप की गहराई: समुद्र तट से लगभग 19.3 किलोमीटर
केंद्र: पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 119 किमी दूर
जनसंख्या प्रभावित: करीब 1.6 लाख लोगों वाला क्षेत्र
🧍 चश्मदीदों की जुबानी
25 वर्षीय यारोस्लाव, जो पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की के निवासी हैं, ने कहा:
“ऐसा लगा जैसे दीवारें कभी भी गिर सकती थीं। लगभग तीन मिनट तक धरती थरथराती रही। लोग इधर-उधर भागने लगे।”
सुनामी की चेतावनी और राहत कार्य
भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। इसके बाद रूस, जापान और अमेरिका में समुद्र में ऊंची लहरें देखी गईं। हालांकि, कुछ घंटों बाद चेतावनी के स्तर को कम कर दिया गया।
नए क्षेत्र जहां सुनामी की चेतावनी जारी: चिली और कोलंबिया (दक्षिण अमेरिका)
रूस के आपात मंत्रालय की चेतावनी: भूकंप के बाद 7.5 तीव्रता तक के झटकों की आशंका बनी हुई है।
क्लुचेव्स्कॉय ज्वालामुखी की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थान | कामचात्का प्रायद्वीप, रूस |
ऊंचाई | 4,750 मीटर (यूरेशिया का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी) |
अंतिम प्रमुख विस्फोट | 2020 |
हालिया विस्फोट | जुलाई 2025 |
सक्रियता | उच्च, नियमित विस्फोट दर्ज होते हैं |
रूसी भूवैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में प्लेट टेक्टॉनिक्स की गतिविधि काफी तीव्र है। इसी कारण यहां बार-बार भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियाँ देखी जाती हैं। क्लुचेव्स्कॉय जैसे ज्वालामुखी भूकंप के बाद ऊर्जा रिलीज की प्रक्रिया को और तेज कर देते हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट और उपग्रह इमेज
नासा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos की सैटेलाइट इमेज में लावा का फैलाव और ज्वालामुखी से उठता घना धुआं साफ दिखाई दे रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने ज्वालामुखी के आसपास 30 किमी का इलाका रेड ज़ोन घोषित कर दिया है और नागरिकों को हटाने का कार्य जारी है।
आगे क्या?
भविष्य में और झटकों की आशंका: वैज्ञानिकों ने अगले 48 घंटे को बेहद संवेदनशील बताया है।
विमान मार्गों में बदलाव: एयर ट्रैफिक को वैकल्पिक रूट से भेजा जा रहा है क्योंकि राख का गुबार विमान संचालन के लिए खतरा बन सकता है।
मानवीय सहायता अभियान: रूस की सेना और आपातकालीन बल इलाके में तैनात किए गए हैं।
Russias largest active volcano Klyuchevskoy erupts after strong #earthquake hits the far eastern coast pic.twitter.com/UHHypoosGm
— SMART CLIPS💢 (@smartclipsX1) July 31, 2025