-वेंस ने कहा-ग्रीन कार्ड का मतलब यह नहीं कि हमेशा रहने का अधिकार मिल गया
वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ग्रीन कार्ड होल्डर्स को लेकर कहा कि वह हमेशा अमेरिका में नहीं रह सकते हैं। वेंस ने एक साक्षात्कार में कहा ग्रीन कार्ड रखने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति को अमेरिका में हमेशा रहने का अधिकार मिल गया हो। उन्होंने कहा कि सरकार के पास ग्रीन कार्ड होल्डर्स को निकालने का भी अधिकार है। ग्रीन कार्ड को कानूनी तौर पर स्थायी निवासी कार्ड माना जाता है। इससे अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने और काम करने का अधिकार मिलता है, बशर्ते कि व्यक्ति ऐसे अपराध में शामिल न हो जिससे इमिग्रेशन कानूनों का उल्लंघन होता हो।
अमेरिका में ग्रीन कार्ड रखने वाले लोगों में मेक्सिको के बाद भारतीय दूसरे नंबर पर हैं। 2022 में 1.27 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिला है। इनके अलावा 12 लाख से ज्यादा भारतीय प्रवासी ग्रीन कार्ड की वेटिंग सूची में हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वेंस के बयान के बाद ग्रीन कार्ड धारकों की चिंता बढ़ गई है कि वे अचानक निर्वासित किए जा सकते हैं। कई सालों से अमेरिका में रहकर प्रवासियों के बीच इस बात का डर फैल सकता है कि राजनीतिक फैसलों से उनका स्थायी निवास छिन सकता है।
वेंस ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ नाम के एक वीजा प्रोग्राम को बढ़ावा दे रहे हैं। इस प्रोग्राम के तहत विदेशी नागरिक 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 44 करोड़ रुपए देकर अमेरिका की नागरिकता हासिल कर सकता हैं। ट्रम्प ने इसे अमेरिकी नागरिकता का रास्ता बताया है। ट्रम्प ने ‘गोल्ड कार्ड’ को ईबी-5 वीजा प्रोग्राम का विकल्प बताया और कहा कि भविष्य में 10 लाख गोल्ड कार्ड बेचे जाएंगे। फिलहाल अमेरिकी नागरिकता के लिए ईबी-5 वीजा प्रोग्राम सबसे आसान रास्ता है। इसके लिए लोगों को 1 मिलियन डॉलर यानी करीब 8.75 करोड़ रुपए देने होते हैं।
ट्रम्प के मुताबिक यह वीजा कार्ड अमेरिकी नागरिकता के रास्ते खोलेगा। इसे खरीदकर लोग अमेरिका आएंगे और यहां टैक्स भरेंगे। उन्होंने दावा किया कि यह प्रोग्राम बहुत सफल होगा और इससे राष्ट्रीय कर्ज का भुगतान जल्द हो सकता है।