Wednesday, November 19, 2025
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नेपाल में फेसबुक, यूट्यूब, एक्स, व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध

काठमांडू, (वेब वार्ता)। नेपाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फेसबुक, यूट्यूब, एक्स, व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय इन प्लेटफॉर्म्स द्वारा नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MoCIT) के साथ पंजीकरण (registration) न कराने के कारण लिया गया है। सरकार ने इन सोशल मीडिया कंपनियों को पंजीकरण के लिए कई बार नोटिस जारी किए थे, लेकिन 28 अगस्त को दी गई सात दिन की अंतिम समयसीमा समाप्त होने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर यह कदम उठाया गया।

प्रतिबंध का कारण: सुप्रीम कोर्ट का आदेश और पंजीकरण की अनिवार्यता

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अवमानना मामले में आदेश दिया था कि कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बिना औपचारिक पंजीकरण के नेपाल में संचालित नहीं हो सकता। इस आदेश के अनुपालन में, 25 अगस्त 2025 को नेपाल सरकार के मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पंजीकरण करना होगा। इसके लिए सोशल मीडिया उपयोग के नियमन के लिए निर्देश, 2080 के तहत सात दिन की समयसीमा दी गई थी।

मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया:

“पांच प्लेटफॉर्म्स (टिकटॉक, वाइबर, वीटॉक, निंबज, और पॉपो लाइव) पहले से पंजीकृत हैं, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी पंजीकरण की प्रक्रिया में हैं। बाकी सभी गैर-पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया गया है। पंजीकरण पूरा होने पर इन्हें तुरंत बहाल कर दिया जाएगा।”

प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स की सूची में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, एक्स (पूर्व में ट्विटर), लिंक्डइन, रेडिट, स्नैपचैट, डिस्कॉर्ड, पिंटरेस्ट, सिग्नल, थ्रेड्स, वीचैट, क्वोरा, टंबलर, क्लबहाउस, मास्टोडन, रंबल, वीके, लाइन, आईएमओ, जालो, सोल, और हमरो पात्रो शामिल हैं।

सरकार का तर्क: नियमन और जवाबदेही सुनिश्चित करना

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने कहा कि सरकार ने इन कंपनियों को पंजीकरण के लिए बार-बार अनुरोध किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया:

“हमने कई बार डिप्लोमैटिक चैनलों के जरिए बातचीत की कोशिश की, लेकिन कंपनियों ने इसे नजरअंदाज किया। इसलिए हमें यह कठोर कदम उठाना पड़ा।”

सरकार का कहना है कि पंजीकरण की आवश्यकता से सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों, साइबर अपराध, और सामाजिक अशांति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए प्रत्येक प्लेटफॉर्म को नेपाल में एक स्थानीय संपर्क व्यक्ति नियुक्त करना होगा और तीन महीने के भीतर लाइसेंस प्राप्त करना होगा, जिसे हर तीन साल में नवीनीकृत करना होगा।

Nepal Social Media Ban
नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध की घोषणा की, जिसमें फेसबुक, यूट्यूब, एक्स और व्हाट्सएप शामिल हैं।

प्रभावित क्षेत्र: संचार, व्यवसाय और प्रवासी नेपाली

इस प्रतिबंध का असर नेपाल के लाखों नागरिकों पर पड़ रहा है। विशेष रूप से, विदेश में रहने वाले 70 लाख से अधिक नेपाली जो व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, और अन्य सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए अपने परिवारों से जुड़े रहते हैं, अब संचार के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं। विश्व बैंक के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, नेपाल की जीडीपी का 33.06% हिस्सा प्रवासियों के रेमिटेंस से आता है, जो सोशल मीडिया के महत्व को दर्शाता है।

इसके अलावा, फेसबुक ने हाल ही में नेपाल में मॉनेटाइजेशन प्रोग्राम शुरू किया था, जिससे कंटेंट क्रिएटर्स को रील्स, पोस्ट्स और वीडियो के जरिए कमाई का मौका मिला था। इस प्रतिबंध से डिजिटल अर्थव्यवस्था और ऑनलाइन व्यवसायों पर भी गहरा असर पड़ सकता है।

नेपाल टेलीकॉम और निजी ऑपरेटर एनसेल ने बताया कि सोशल मीडिया 50% से अधिक इंटरनेट ट्रैफिक के लिए जिम्मेदार है। इस प्रतिबंध से टेलीकॉम कंपनियों को भी भारी राजस्व नुकसान होने की आशंका है।

आलोचना: प्रेस स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल

इस फैसले की व्यापक आलोचना हो रही है। फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट्स (FNJ) ने इसे प्रेस स्वतंत्रता और सूचना के अधिकार के खिलाफ बताया है। FNJ के महासचिव राम प्रसाद दहल ने कहा:

“यह निर्णय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी को सीमित करता है। यह नेपाल की संवैधानिक गारंटी के खिलाफ है।”

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) और एक्सेस नाउ ने इसे अत्यधिक सेंसरशिप का कदम बताया और पारदर्शिता के साथ प्रतिबंध हटाने की मांग की। डिजिटल राइट्स नेपाल के कार्यकारी निदेशक संतोष सिग्देल ने कहा कि यह कदम सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और संवैधानिक अधिकारों को प्रभावित करेगा।

मीडिया रिसर्च सेंटर के निदेशक उज्ज्वल आचार्य ने इसे गलत निर्णय बताते हुए कहा:

“इस फैसले से नेपाल की लोकतांत्रिक छवि को लंबे समय तक नुकसान होगा। सरकार ने आम नागरिकों पर इसके प्रभाव का आकलन नहीं किया।”

कुछ प्लेटफॉर्म्स को छूट, अन्य की प्रतिक्रिया

टिकटॉक, वाइबर, वीटॉक, निंबज, और पॉपो लाइव पंजीकृत होने के कारण प्रतिबंध से मुक्त हैं, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी पंजीकरण की प्रक्रिया में हैं। प्रतिबंध के बाद, हमरो पात्रो ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया, और एक्स ने सिंगापुर से अपने क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मंत्रालय से संपर्क किया। मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप) ने भी स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर अनुपालन की इच्छा जताई है।

पहले भी हो चुके हैं प्रतिबंध

यह पहली बार नहीं है जब नेपाल ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है। नवंबर 2023 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे अगस्त 2024 में पंजीकरण के बाद हटा लिया गया। जुलाई 2025 में टेलीग्राम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के कारण प्रतिबंध लगाया गया था।

भविष्य की संभावनाएं

नेपाल सरकार ने कहा है कि पंजीकरण पूरा करने वाले प्लेटफॉर्म्स को तुरंत बहाल कर दिया जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को सख्त नियमों के बजाय बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए था। इस बीच, कई नेपाली उपयोगकर्ता टिकटॉक और वाइबर जैसे पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स पर शिफ्ट हो रहे हैं।

प्रशासन ने नेपाल टेलीकम्युनिकेशंस अथॉरिटी (NTA) को निर्देश दिया है कि वह टेलीकॉम और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के माध्यम से इन प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच को ब्लॉक करे। कुछ उपयोगकर्ताओं ने अभी भी इन प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच की सूचना दी है, लेकिन अगले कुछ घंटों या दिनों में पूर्ण प्रतिबंध प्रभावी होने की उम्मीद है।

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