काठमांडू, (वेब वार्ता)। एवेन्यूज टीवी के पत्रकार सुरेश रजक की मौत के बाद शनिवार को नेपाल के मीडिया समुदाय में आक्रोश की लहर दौड़ गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, काठमांडू के टिंकुने इलाके में राजशाही समर्थक हिंसक प्रदर्शन के दौरान रजक को जिंदा जला दिया गया।
इस घटना के बाद नेपाल के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए और पत्रकारों ने मैतीघर मंडल में एकत्रित होकर न्याय और जवाबदेही की मांग की।
कांतिपुर टेलीविजन के पत्रकार रामकृष्ण भंडारी ने घटनास्थल पर की गई हिंसा के बारे में बताया, “वे कह रहे थे कि हम मीडिया पर भी हमला करेंगे, हम आग लगा देंगे, हम आपको नहीं छोड़ेंगे।”
भंडारी ने बताया कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया, संपत्ति को आग लगा दी और स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया, जिसके परिणामस्वरूप रजक की मौत हुई।
इस बीच, काठमांडू के बनेश्वर-टिंकुने क्षेत्र और आसपास के इलाकों में स्थिति के शांत होने के बाद कर्फ्यू हटा लिया गया। कर्फ्यू हटने से पहले, पुलिस ने 51 लोगों को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिनमें राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के शीर्ष नेता शामिल थे। गिरफ्तार किए गए नेताओं में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा, महासचिव धवल सुमशेर राणा, स्वागत नेपाल, शेफर्ड लिम्बू और संतोष तमांग जैसे लोग शामिल हैं।
शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोग मारे गए थे, जबकि 45 लोग घायल हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में समाप्त राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे थे। इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई, जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गोलियां भी चलाईं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई फुटेज में प्रदर्शनकारियों को पुलिस के हथियारों को जब्त करते और हिंसक हमले करते हुए दिखाया गया।
नेपाल के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने काठमांडू पोस्ट को बताया, “शुक्रवार की आगजनी, बर्बरता और हत्याओं के कारण राजतंत्रवादियों के प्रति लोगों की सहानुभूति और समर्थन में काफी कमी आई है। शुक्रवार की हिंसा के बाद हम विभिन्न हिंदू समर्थक और राजतंत्र समर्थक समूहों के बीच गहरे मतभेद की उम्मीद करते हैं। लेकिन, अब से हम उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।”
इन घटनाओं के बाद नेपाल में तनाव बढ़ गया है और इसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
Tributes have been paid to Suresh Rajak, a journalist who died during violent protests staged by supporters of the former king in Tinkune, Kathmandu, on Friday. #SureshRajak #Journalism #Tribute #JusticeForRajak #FNJ #FederationofNepaliJournalists – https://t.co/hs35wIAFIa pic.twitter.com/R6lF788OCa
— Business 360 (@b360nepal) March 29, 2025