न्यूयॉर्क (वेब वार्ता)। अमेरिका के मिनियापोलिस में एक कैथोलिक चर्च पर हुए भीषण गोलीबारी हमले में दो नाबालिग बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए। इस हमले की सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि ट्रांसजेंडर हमलावर के हथियार पर भारत के खिलाफ नफरत भरा संदेश लिखा हुआ था।
पुलिस जांच के अनुसार, हमलावर (जिसकी पहचान रॉबिन वेस्टमैन के रूप में हुई है) ने एक सेमी-ऑटोमेटिक राइफल पर ‘न्यूक इंडिया’ (भारत को परमाणु हमले से नष्ट करो) और गलत रूसी भाषा में ‘किल योरसेल्फ’ (अपने आप को मार डालो) लिखा था। हमले से पहले सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में उसने इस हथियार को दिखाया था।
बच्चों की प्रार्थना सभा में हुआ हमला
यह भीषण हमला उस समय हुआ जब चर्च के स्कूल में किंडरगार्टन से आठवीं कक्षा तक के बच्चे शैक्षणिक वर्ष के उद्घाटन के उपलक्ष्य में आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल थे। अचानक हमलावर ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। मारे गए लोगों में आठ और दस साल के दो बच्चे शामिल हैं। तीसरे व्यक्ति की उम्र 80 वर्ष से अधिक थी, जो प्रार्थना सभा में शामिल होने आए थे।
हमलावर का पुराना कनेक्शन और ट्रांसजेंडर पहचान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर रॉबिन वेस्टमैन ने 2017 में इसी स्कूल से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई की थी। साल 2020 में उसने खुद को एक ट्रांसजेंडर लड़की घोषित कर दिया और कानूनी तौर पर अपना नाम भी बदल लिया।
हथियारों पर थे कई नफरत भरे संदेश
अपने अपलोड किए गए वीडियो में हमलावर ने कई अन्य नफरत भरे संदेश भी दिखाए थे। एक राइफल मैगजीन पर “डोनाल्ड ट्रंप को अभी मार डालो”, “बच्चों के लिए,” और “तुम्हारा भगवान कहां है?” जैसे शब्द लिखे हुए थे। उसने लैटिनो, अफ्रीकी अमेरिकियों, यहूदियों और इजरायल के खिलाफ भी नफरत फैलाने वाले संदेश लिखे थे।
अमेरिकी प्रशासन और विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया
एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने पुष्टि की कि उनकी एजेंसी इस गोलीबारी की जांच कर रही है।
अमेरिकी होमलैंड सचिव क्रिस्टी नोएम ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में हथियारों पर लिखे संदेशों की पुष्टि की।
वेटिकन की ओर से पोप फ्रांसिस ने मृतकों पर शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना का संदेश भेja.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी अमेरिकियों से पीड़ितों के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया और राष्ट्रपति से रविवार तक सभी सरकारी भवनों पर झंडे आधा झुकाने का आदेश देने की अपील की।
ईसाई संस्थानों पर बढ़ते हमलों का सिलसिला
यह पिछले दो वर्षों में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति द्वारा किसी ईसाई संस्थान पर किया गया दूसरा बड़ा हमला है। 2023 में, एक ट्रांसजेंडर पुरुष ने एक ईसाई स्कूल में गोलीबारी की थी, जिसमें 9 साल के तीन बच्चों और तीन वयस्कों की मौत हो गई थी। अमेरिकी कैथोलिक बिश्प्स कॉन्फ्रेंस के अनुसार, साल 2020 से अल्पसंख्यक ईसाई संप्रदायों पर कम से कम 390 हमले दर्ज किए गए हैं।