Tuesday, December 23, 2025
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मलाला को गांजा फूंककर निबंध का जवाब मिला, लेकिन तालिबानी गोली भी याद आई—क्या गांजा दिमाग तेज करता है या पुरानी यादें उभारता है?

नई दिल्ली | वेब वार्ता

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की नई किताब ‘फाइंडिंग माय वे’ (21 अक्टूबर 2025 को लॉन्च) ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। किताब में मलाला ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के दिनों की कई निजी कहानियां लिखी हैं—पढ़ाई का दबाव, दोस्ती, रोमांस, और सबसे विवादास्पद: गांजा फूंकने का अनुभव। मलाला ने लिखा कि एक आर्थिक निबंध का मुश्किल सवाल समझ नहीं आ रहा था। दोस्तों के साथ ‘झोपड़ी’ (शैक) में पहुंचीं, जहां गांजे का बोंग (वॉटर पाइप) था। एक कश लिया, और अचानक निबंध का जवाब मिल गया—लेकिन साथ ही 2012 की तालिबानी गोलीबारी की डरावनी यादें भी उभर आईं। मलाला बेहोश हो गईं, घबराहट हुई, और डॉक्टरों के पास जाना पड़ा।

यह किस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कुछ ने इसे पब्लिसिटी स्टंट कहा, तो कुछ ने मलाला की ईमानदारी की तारीफ की। लेकिन सवाल उठता है: गांजा फूंकने से निबंध का जवाब कैसे मिला? क्या यह दिमाग तेज करता है? या पुरानी यादें उभारता है? और इश्क-माशूक क्यों याद आते हैं? आइए, वेब वार्ता में वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और कानूनी पहलुओं से समझते हैं।

सवाल 1: मलाला ने गांजा फूंकने का किस्सा क्यों सुनाया?

मलाला ने किताब में लिखा:

“ऑक्सफोर्ड में एक इकोनॉमिक्स निबंध का सवाल समझ नहीं आ रहा था। दोस्तों ने आराम करने को कहा। ‘झोपड़ी’ में पहुंची, जहां बोंग था। गांजे की गंध आई, और अचानक जवाब मिल गया। एक कश लिया—सिर घूमा, दिल तेज धड़का। फिर 2012 की गोलीबारी की यादें उभर आईं—बंदूक, खून, एम्बुलेंस। लगा जैसे फिर से जी रही हूं। बेहोश हो गई, दोस्त ने गोद में उठाया। उसके बाद घबराहट, नींद की कमी, पसीना—डॉक्टरों के पास जाना पड़ा।”

2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने के बाद अपने परिवार के साथ मलाला यूसुफजई
2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने के बाद अपने परिवार के साथ मलाला यूसुफजई

क्यों चर्चा में?

  • ईमानदारी vs पब्लिसिटी: किताब में डेटिंग, फेल होना, रोमांस भी है। लेकिन गांजा वाला किस्सा इस्लामिक मूल्यों से जुड़ा होने से विवादास्पद। X पर #MalalaWeed ट्रेंड, कुछ ने कहा “वेस्टर्न लाइफस्टाइल बेच रही हैं”, तो ‘ओपरा डेली’ ने तारीफ की: “अनफिल्टर्ड युवावस्था की कहानी।”
  • प्रभाव: मलाला ने PTSD (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) को उजागर किया। गांजा ने ट्रॉमा को ट्रिगर किया।
21 अक्टूबर 2025 को मलाला की नई किताब 'फाइंडिंग माय वे' लॉन्च हुई.
21 अक्टूबर 2025 को मलाला की नई किताब ‘फाइंडिंग माय वे’ लॉन्च हुई.
 

सवाल 2: गांजा क्या है? फूंकने से दिमाग पर क्या असर?

गांजा (वीड/मैरुआना) कैनबिस सैटाइवा पौधे के सूखे फूलों से बनता है। इसमें 150+ रासायनिक यौगिक (कैनबिनॉइड्स) हैं:

यौगिकप्रभाव
THC (टेट्राहाइड्रोकैनबिनॉल)नशा, आनंद, यादें उभारना, चिंता
CBD (कैनबिडियॉल)नशा कम करना, चिंता घटाना

दिमाग पर असर (वैज्ञानिक तरीके से):

  1. THC का प्रवेश: धुआं फेफड़ों से खून में, फिर दिमाग में 5-10 मिनट में।
  2. रिसेप्टर्स पर चिपकना: दिमाग में CB1 रिसेप्टर्स (हिप्पोकैंपस, अमिग्डाला, सेरिबेलम) पर THC चिपकता है।
  3. एनेंडेमाइड की नकल: दौड़ने पर जो आनंद आता है (रनर हाई), THC उसकी नकल करता है।
  4. यादों का उभार: हिप्पोकैंपस (मेमोरी सेंटर) पर असर → पुरानी यादें (विशेषकर भावनात्मक) उभरती हैं।
  5. ट्रॉमा ट्रिगर: मलाला के केस में PTSD → गोलीबारी की याद।

NIDA (USA): 30% यूजर्स में लत, 18 साल से कम उम्र में 7 गुना खतरा। लंबे समय में अवसाद, सिजोफ्रेनिया।

मलाला का केस:

  • निबंध का जवाब: THC ने क्रिएटिविटी बढ़ाई (शॉर्ट टर्म), लेकिन ट्रॉमा ट्रिगर किया।
  • इश्क-माशूक याद आना: THC अमिग्डाला (भावनाएं) को सक्रिय करता है → रोमांटिक यादें उभरती हैं।
गांजा एक पौधे से बनता है, जिसका वैज्ञानिक नाम कैनबिस है.
गांजा एक पौधे से बनता है, जिसका वैज्ञानिक नाम कैनबिस है.
 
    • सवाल 3: चरस, भांग, गांजा में अंतर—कौन ज्यादा खतरनाक?

      सभी कैनबिस से:

      प्रकारबनावटTHC %खतरा
      गांजाफूल सुखाकर5-20%मध्यम, धुआं फेफड़ों को नुकसान
      चरसरेजिन (चिपचिपा)20-60%उच्च, लत जल्दी
      भांगपत्तियां पीसकर1-5%कम, लेकिन लंबे समय में लीवर प्रभाव

      खतरा रैंक: चरस > गांजा > भांग।

 

भांग, चरस और गांजा एक ही पौधे 'कैनबिस' की प्रजातियों से बनता है.
भांग, चरस और गांजा एक ही पौधे ‘कैनबिस’ की प्रजातियों से बनता है.
 

 

सवाल 4: भारत में गांजा क्यों बैन? भांग क्यों नहीं?

  • 1961 UN कन्वेंशन: कैनबिस को नशीला माना।
  • 1985 NDPS एक्ट: गांजा (फूल) बैन, भांग (पत्ती) लाइसेंस पर।
  • सजा: 1-20 साल जेल, ₹10K-2L जुर्माना।
  • विवाद: मेडिकल यूज (CBD) की मांग। हिमाचल, उत्तराखंड में औद्योगिक हेम्प की अनुमति।

सवाल 5: दुनिया में गांजा की स्थिति

स्थितिदेश
पूर्ण बैनभारत, पाकिस्तान, चीन, सऊदी (100+ देश)
मेडिकल यूजजर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया
पूर्ण वैधकनाडा, उरुग्वे, USA (20+ राज्य)

WHO: मेडिकल यूज के लिए CBD सुरक्षित, लेकिन THC लत का खतरा।

सरकार से लाइसेंस लिए बिना, भांग या उससे बनी ठंडाई को व्यावसायिक तौर पर नहीं बेचा जा सकता.
सरकार से लाइसेंस लिए बिना, भांग या उससे बनी ठंडाई को व्यावसायिक तौर पर नहीं बेचा जा सकता.
 

 

निष्कर्ष: गांजा ‘तेज’ नहीं करता, यादें उभारता है

मलाला का अनुभव दिखाता है कि गांजा क्रिएटिविटी बढ़ा सकता है (शॉर्ट टर्म), लेकिन ट्रॉमा, चिंता, लत का खतरा ज्यादा। निबंध का जवाब मिला, लेकिन कीमत चुकानी पड़ी। इश्क-माशूक याद आना भावनात्मक उभार है, न कि ‘दिमाग तेज होना’। भारत में कानूनी रूप से बैन, लेकिन जागरूकता जरूरी। मलाला की किताब साहस की मिसाल है—ट्रॉमा से उबरने की।

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