भारत 15 से 17 अक्टूबर के बीच बंगाल की खाड़ी में लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण करने वाला था. हालांकि, अभी इसे रद्द कर दिया गया है. इसके लिए भारत ने 3,550 किमी के क्षेत्र में नो फ्लाई जोन भी घोषित किया था. इस कदम के बाद अमेरिका और चीन दोनों ने अपने जासूसी जहाज हिंद महासागर में भेज दिए. भारत सरकार ने NOTAM जारी कर क्षेत्र को डेंजर एरिया बताया था. भारत ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया था कि कौन सी मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा. विशेषज्ञों का मानना था कि यह अग्नि सीरीज की मिसाइल हो सकती थी, जो परमाणु हमला करने में सक्षम है.
NOTAM रेंज में लगातार बदलाव
भारत ने परीक्षण के लिए जारी NOTAM की रेंज 72 घंटे में तीन बार बढ़ाई थी. पहले इसे 1,480 किमी रखा गया, फिर अगले दिन 2,520 किमी किया गया, और 24 घंटे के भीतर इसे 3,550 किमी तक बढ़ा दिया गया. इसका उद्देश्य ऐसी मिसाइल का परीक्षण करना था, जिसकी रेंज पहले के अनुमान से अधिक हो. भारत की अग्नि मिसाइल की रेंज 700 से 5,000 किमी तक है. हाल ही में भारत ने 2,000 किमी रेंज वाली अग्नि प्राइम मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसे DRDO ने विकसित किया है.
अमेरिका और चीन क्यों कर रहे जासूसी
चीन और अमेरिकी जासूसी जहाज हिंद महासागर में भारत के परीक्षण स्थल के पास पहुंच चुके हैं. चीन का युआन वांग 5 मलेशिया से हिंद महासागर में पहुंचा, जबकि अमेरिका का ओसेन टाइटन भारत के पश्चिमी तट के पास मौजूद है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे जहाज अक्सर मिसाइल परीक्षण का डेटा इकट्ठा करने और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए तैनात किए जाते हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत की अग्नि सीरीज की मिसाइलें ‘चाइना किलर’ के नाम से जानी जाती हैं. अमेरिका और चीन दोनों के जासूसी जहाज हिंद महासागर में मौजूद हैं, लेकिन भारत अपने परमाणु और लंबी दूरी की मिसाइल परीक्षण जारी रखेगा. ओसेन टाइटन अमेरिकी जासूसी और सर्वेक्षण के लिए उपयोग किया जाता है और इसमें अत्याधुनिक सोनार सिस्टम लगा हुआ है. भारत की यह तैयारी क्षेत्रीय शक्तियों के बीच सैन्य और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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