-थाईलैंड ने कंबोडिया पर लगाया भारी मिसाइलों से हमले करने का आरोप
बैंकॉक, (वेब वार्ता)। थाईलैंड-कंबोडिया की जंग अब और भी भीषण हो गई है। इस जंग में ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर तबाह हो गए हैं। थाई सरकार का आरोप है कि कंबोडिया भारी मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे धार्मिक स्थलों व आम नगारिकों की रिहाइश को खासा नुक्सान हुआ है। इस जंग में थाईलैंड के अब तक 46 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि हमले की वजह से सवा लाख लोग पलायन कर गए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक थाईलैंड की सेना ने बताया है कि शुक्रवार को थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच सीमा पर झड़पें हुईं। कंबोडिया ने तोपखाने और रॉकेट समेत भारी हथियारों का इस्तेमाल किया। थाई सेना ने कहा कि कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल कर लगातार बमबारी की है। थाई सेना ने सामरिक स्थिति के मुताबिक उचित समर्थन फायरिंग से जवाब दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मताबिक सिएम रीप राज्य में एक पैगोड़ा पर थाईलैंड की वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने हमला किया। इसके बाद बौद्ध भिक्षुओं के एक समूह को वहां से भागना पड़ा। बता दें बौद्ध समुदाय के धार्मिक स्थल को पैगोड़ा कहते है।
यह घटना 24 जुलाई की सुबह हुई जब थाई लड़ाकू विमानों ने प्रसात ता मोआन सेन्चे पैगोडा पर तीन बम गिराए। थाईलैंड के हमले में जिससे यह पवित्र स्थल पूरी तरह नष्ट हो गया। इस हमले ने सीमावर्ती समुदायों में भय बढ़ गया है और लोग इलाके को छोड़कर भाग रहे हैं। भिक्षु और ग्रामीण अपने पांरपारिक लिबास में केवल बुनियादी सामान लेकर रात भर शरण की तलाश में यात्रा करते रहे। गुरुवार तड़के कई लोग सिएम रीप पहुंच गए। ये भय से कांप रहे थे और थके हुए दिखाई दे रहे थे।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शुरु हुई इस लड़ाई से सैकड़ों साल पुराने मंदिरों और बौद्ध विहारों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। विशेष रूप से ता मुएन थॉम और प्रियाह विहार मंदिरों के आसपास सांस्कृतिक विरासत पर खतरा मंडरा रहा है। इस संघर्ष में दोनों देशों की सेनाओं ने भारी हथियारों, बीएम-21 रॉकेट लांचर, तोपखाने और थाई एफ-16 जेटों से हमले किए, जिससे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रियाह विहार मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा है। खमेर-युग के ता मुएन थॉम मंदिर के आसपास भी गोलीबारी और बमबारी से ऐतिहासिक संरचनाएं खतरे में हैं। ये प्राचान मंदिर दोनों देशों की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है।
बता दें थाईलैंड ने इस जंग में कंबोडिया पर भारी मिसाइलों से हमले का आरोप लगाया है। कार्यवाहक थाई पीएम फुमथम वेचायाचाई ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कहा कि झड़प में कंबोडियाई पक्ष ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया। फुमथम ने कहा कि हम समस्या के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि हमें अपनी रक्षा करनी होगी और अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करनी होगी।
थाईलैंड के गृह मंत्रालय ने हमले से प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। फुमथम ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए थाई शिक्षा मंत्रालय ने प्रभावित सीमावर्ती इलाकों के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
कंबोडियाई पीएम हुन मानेट ने थाईलैंड से तुरंत ऐसी किसी भी कार्रवाई को न करने को कहा है कि जिससे स्थिति और बिगड़ जाए। उन्होंने थाईलैंड से अपनी सेनाओं को सीमा के अपने हिस्से में वापस बुलाने और आगे ऐसी किसी भी भड़काऊ कार्रवाई से बचने का आह्वान किया जिससे स्थिति और बिगड़ सकती हो। कंबोडिया की सेना ने कहा कि थाई सेना ने ओड्डार मीनचे और प्रीह विहार प्रांतों में आठ ठिकानों पर हमले किए हैं। इनमें तमोन थॉम, ता क्रबे, फनोम ट्रोप, वील इंट्री, ता थाव, फनोम खमोच, ओफका स्ने और मोम बेई शामिल हैं।
कंबोडियाई सेना की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि कंबोडियाई सेना अब कंबोडियाई क्षेत्र के भीतर ता क्रबे मंदिर और मोम बेई इलाके पर अपना पूर्ण नियंत्रण कर लिया है और तमोन थॉम मंदिर परिसर में अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कंबोडिया की ओर से किए गए सभी सैन्य हमले आत्मरक्षा के लिए किए गए थे।