Sunday, October 19, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

गाजा के बंधकों में एकमात्र हिंदू विपिन जोशी का क्या हुआ? 2 साल से था रिहाई का इंतजार


गाजा में इजरायल और हमास के बीच हुए शांति समझौते के बाद सभी बंधकों को रिहा कर दिया गया, लेकिन रिहाई की लिस्ट में नेपाल के रहने वाले विपिन जोशी का नाम नहीं था. अपने बेटे को रिहा हुए बंधकों में न देखकर उनके माता-पिता टूट गए. पिछले दो सालों से वे उम्मीद लगाए बैठे थे कि एक दिन उनका बेटा घर लौट आएगा, लेकिन अब हमास ने विपिन जोशी की मौत की पुष्टि की है. संगठन ने उनके शव को इजरायल को सौंपने की बात कही है. बीबीसी और अल जजीरा की रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास विपिन जोशी का शव इजरायली अधिकारियों को सौंपेगा. इसके बाद उनके शव को नेपाल लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

हैरानी की बात यह है कि पिछले महीने ही हमास ने इजरायली बंधकों की जो तस्वीरें जारी की थीं, उनमें विपिन जोशी भी दिखाई दिए थे. यही वजह है कि अब सवाल उठ रहे हैं  कि अगर वे 21 सितंबर तक जिंदा थे, तो अचानक उनकी मौत कैसे हुई? आखिर हमास ने एकमात्र हिंदू बंधक की हत्या क्यों की, जिसका न तो इजरायल-हमास युद्ध से कोई संबंध था और न ही वह उस इलाके का नागरिक था.

जानें क्या है पूरा मामला

7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इजरायल पर हमला किया, तब उसमें नेपाल के 10 नागरिकों की भी मौत हो गई थी. इन्हीं में से एक थे विपिन जोशी, जिन्हें अलुमिम किबुत्ज से बंधक बनाया गया था, जहां वे काम कर रहे थे. विपिन के अपहरण के बाद से ही उनके परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार कोशिशें शुरू कर दी थीं. अगस्त 2024 में उनकी मां पद्मा जोशी और 17 वर्षीय बहन पुष्पा इजरायल गई थीं. उन्होंने तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में आयोजित उन रैलियों में हिस्सा लिया था, जिनमें बंधकों की रिहाई की मांग की जा रही थी.

खुद को खतरे में डालकर बचाई थीं कई जानें

अब जब विपिन की मौत की पुष्टि हो चुकी है, तो हर कोई यही पूछ रहा है कि आखिर पिछले 20-25 दिनों में ऐसा क्या हुआ, जिससे उनकी हत्या कर दी गई? हमास ने अब तक उनकी मौत का कारण या वजह सार्वजनिक नहीं की है. जानकारी के मुताबिक, हमले के दिन विपिन ने असाधारण बहादुरी दिखाई थी. उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कई साथियों की जान बचाई थी. उनके साथ काम करने वाले नेपाली छात्रों के मुताबिक, जब हमास ने फार्म पर हमला किया था तो विपिन ने एक ग्रेनेड उठाकर हमास की ओर वापस फेंक दिया, जिससे कई लोग बच गए. इसके बाद हमास के लड़ाकों ने उन्हें पकड़ लिया.

हमास के कब्जे से जारी किया गया था वीडियो

हमास के कब्जे से जारी कई वीडियो में विपिन को गाजा के एक अस्पताल में देखा गया था. एक अन्य वीडियो में वे अपना परिचय देते हुए मुस्कुराते नजर आए थे, जिससे उनके परिवार को उम्मीद जगी थी कि वे जिंदा हैं.

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles