काहिरा, (वेब वार्ता)। मिस्र ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से अमेरिकी मीडिया में दिए गए हालिया बयानों की निंदा की है और उन्हें “भ्रामक आरोप” करार देते हुए कहा कि ये मिस्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों के विपरीत हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि गाजा को “दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल” इसलिए कहा जाता है क्योंकि वहां के लोगों को बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव की सराहना की, जिसमें गाजा के निवासियों को जबरन विस्थापित कर जॉर्डन और मिस्र में बसाने की योजना शामिल थी। हालांकि, इस प्रस्ताव को अरब देशों ने कड़े शब्दों में खारिज कर दिया है।
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि श्री नेतन्याहू की टिप्पणी ने उन प्रयासों को नकार दिया है जो मिस्र गाजा में फिलिस्तीनी लोगों को तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए कर रहा है।
बयान में कहा गया कि हाल ही में हुई संघर्ष विराम के बाद से, मिस्र ने पांच हजार से अधिक सहायता ट्रकों को गाजा भेजा है। इसके अलावा, मिस्र ने राफा क्रॉसिंग के माध्यम से घायल फिलिस्तीनियों और दोहरी नागरिकता वाले लोगों के मार्ग को भी सुगम बनाया है।
मिस्र ने कहा कि श्री नेतन्याहू के दावों का उद्देश्य इजरायल की ओर से नागरिकों के खिलाफ किए गए “घोर उल्लंघन” और अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, बिजली स्टेशनों तथा जल सुविधाओं सहित महत्वपूर्ण फिलिस्तीनी सुविधाओं को छिपाने और ध्यान भटकाने का प्रयास हैं।
मिस्र ने फिलिस्तीनी लोगों को मिस्र, जॉर्डन या सऊदी अरब में विस्थापित करने से संबंधित किसी भी बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया।