टोरंटो, 01 अगस्त (वेब वार्ता)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा के कुछ प्रमुख निर्यात उत्पादों पर 35% टैरिफ शुल्क लगाने की घोषणा पर कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न केवल अमेरिका के इस निर्णय को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया, बल्कि कनाडा की आर्थिक स्वायत्तता और आंतरिक विकास पर भी ज़ोर दिया।
ट्रंप का टैरिफ हमला और कनाडा की प्रतिक्रिया
अमेरिकी प्रशासन ने जिन कनाडाई उत्पादों पर यह टैरिफ लगाया है, वे कनाडा-संयुक्त राज्य-मेक्सिको समझौते (CUSMA) के दायरे में नहीं आते। इनमें लकड़ी, इस्पात, एल्युमीनियम, और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्र शामिल हैं – जो कनाडा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं।
प्रधानमंत्री कार्नी ने ट्रंप की इस नीति को “संघीय हस्तक्षेप” करार दिया और कहा,
“हम अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन हम अपनी नौकरियों और संसाधनों की रक्षा करना बेहतर समझते हैं।”
‘बाय कनाडियन’ नीति का एलान
कार्नी ने ‘बाय कनाडियन’ (Buy Canadian) नीति की घोषणा करते हुए बताया कि अब कनाडा अपने नागरिकों को घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नीति के तहत सरकार:
स्थानीय उद्योगों में निवेश बढ़ाएगी,
निर्यात बाजारों का विविधीकरण करेगी,
और राष्ट्रीय उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देगी।
फेंटानिल विवाद को बताया “बहाना”
अमेरिका ने इन टैरिफ को फेंटानिल तस्करी से जोड़ा है, लेकिन कनाडा ने इसे ‘तथ्यहीन’ बताया। सरकार का कहना है कि अमेरिका में फेंटानिल की कुल आपूर्ति में कनाडा का योगदान मात्र 1% है।
कार्नी ने कहा:
“हमने ऐतिहासिक सीमा सुरक्षा योजनाएं लागू की हैं — हवाई निगरानी, खुफिया संचालन, और कड़े प्रवर्तन कानूनों के साथ।”
‘वन कनाडा इकोनॉमी’ की रूपरेखा
प्रधानमंत्री ने ‘वन कनाडा इकोनॉमी’ (One Canada Economy) की संकल्पना को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब कनाडा अपने भीतर ही निवेश को बढ़ावा देगा। इसके लिए केंद्र सरकार, प्रांत, और आदिवासी समुदायों के साथ मिलकर:
500 अरब डॉलर से अधिक के विकास प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे,
स्थानीय उत्पादन और निर्माण उद्योग को मज़बूत किया जाएगा,
और स्वदेशी संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा:
“यदि हम कनाडा में बने सामान को प्राथमिकता दें, तो हम खुद को उससे कहीं अधिक दे सकते हैं जितना कोई विदेशी सरकार हमसे ले सकती है।”
निष्कर्ष:
यह टकराव सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक भी है। अमेरिका की टैरिफ नीति से उपजे तनाव के बीच कनाडा ने आत्मनिर्भरता का रास्ता चुना है। यह न सिर्फ कनाडा की विदेश नीति का अहम पड़ाव है, बल्कि देश की जनता के लिए भी एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।



