न्यूयॉर्क, (वेब वार्ता)। नासा और स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंच चुका है। फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा भेजे गए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए क्रू-10 के अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पहुंचे। सफल डॉकिंग के बाद, जब हैच खुला, तो अंतरिक्ष यात्रियों की मुलाकात भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मर से हुई।
हैच खुलते ही सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर ने रविवार को आए सभी अंतरिक्ष यात्रियों को गले लगाया। इस खास मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
बता दें कि स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन आज अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर सफलतापूर्वक पहुंचा। इसी ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मर की वापसी की उम्मीद जग गई है, जो पिछले कई महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं।
स्थानीय समय के अनुसार, शुक्रवार को टेक्सास से लॉन्च किया गया स्पेस कैप्सूल शनिवार को 12:05 बजे ईएसटी (भारतीय समयानुसार रात के 9:35 बजे) पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचा। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने पृथ्वी से आईएसएस तक की यात्रा करने में लगभग 28.5 घंटे का समय लिया।
इस अंतरिक्ष यान में चार अंतरिक्ष यात्री सवार थे, जिनमें नासा से ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जेएक्सए से ताकुया ओनिशी और रूस के रोस्कोस्मोस से किरिल पेस्कोव शामिल हैं। वे अगले कुछ दिन नासा के अंतरिक्ष यात्रियों विलियम्स और विल्मर के साथ आईएसएस के बारे में जानकारी लेंगे।
उल्लेखनीय है कि बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्याओं के कारण विलियम्स और विल्मोर जून से आईएसएस पर फंसे हुए हैं। आठ दिवसीय मिशन के बाद उनकी वापसी तय थी, लेकिन लगातार समस्याओं के कारण उनकी घर वापसी में देरी हुई।
अगस्त में क्रू-9 के आगमन के बाद उन्हें वापस भेजने की योजनाएं भी आपातकालीन एस्केप पॉड की खामी के कारण रद्द कर दी गई थीं। अब क्रू-10 के सफलतापूर्वक डॉक किए जाने के बाद विलियम्स और विल्मर को धरती पर लौटने का मौका मिलेगा। स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क के अनुसार, उनकी वापसी जल्द होने की उम्मीद है।
क्रू-10 का मिशन शुरू में बुधवार शाम के लिए तय था, लेकिन रॉकेट पर ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म में समस्या आने के कारण मिशन को टाल दिया गया था। देरी के बावजूद मिशन अब वापस पटरी पर आ गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों की लंबे समय से अपेक्षित वापसी जल्द होने वाली है।