Monday, December 22, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

साउथ के अभिनेता फिश वेंकट का निधन, किडनी ट्रांसप्लांट कराने नहीं जुटा पाए 50 लाख

हैदराबाद, (वेब वार्ता)। साउथ फिल्मों के दिग्गज एक्टर और कॉमेडियन फिश वेंकट का निधन हो गया है। उन्हें ऑफ-स्क्रीन वेंकट राज के नाम से जाना जाता था। वह 53 साल के थे। पिछले कुछ समय पहले जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर्स ने उन्हें तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी। लेकिन परिवार इस मेडिकल प्रोसीजर का खर्च उठा पाने में असमर्थ रहा। लगातार डायलिसिस और वेंटिलेटर सपोर्ट के बावजूद, वेंकट की हालत लगातार बिगड़ती रही और आखिरकार वह जिंदगी से जंग हार गए। हैदराबाद के एक अस्पताल में किडनी फेल होने के कारण उनका निधन हो गया। पिछले कई महीनों से वह किडनी की समस्या से जूझ रहे थे। हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ट्रांसप्लांट का खर्च था 50 लाख

इस महीने की शुरुआत में, जब वेंकट की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया, तो उनके परिवार ने वित्तीय सहायता के लिए आवेदन किया था। फिश वेंकट की बेटी ने बताया था, ‘पापा ठीक नहीं हैं और उनकी हालत बहुत गंभीर है। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत है, जिसमें 50 लाख रुपये का खर्च आएगा। फिश वेंकट की बेटी ने कहा कि एक्टर प्रभास की टीम से किसी ने संपर्क किया और उनके किडनी ट्रांसप्लांटका खर्च उठाने की पेशकश की।

फिश वेंकेट कौन हैं

फिश वेंकट का असली नाम वेंकट राज है। इनको फिश नाम एक हास्य दृश्य के कारण मिला, जिसमें एक मछली बाजार का जिक्र था। उनकी सबसे हालिया अभिनय पारी अहा थ्रिलर फिल्म कॉफी विद अ किलर में थी। उनके करियर को सफलता दिवंगत निर्देशक दसारी नारायण राव के मार्गदर्शन में मिली, जिन्होंने उन्हें फिल्म “सम्मक्का सरक्का” से परिचित कराया। अपनी तीक्ष्ण हास्य टाइमिंग और भावपूर्ण सहायक भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले वेंकट ने अपने जीवनकाल में 100 से ज़्यादा फिल्मों में अभिनय किया और मनोरंजन उद्योग में अपनी एक स्थायी जगह बनाई।

बता दे कि फिश वेंकट की बढ़ती स्वास्थ्य समस्या के बीच उनके परिवार के पास इलाज का खर्च उठाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनकी बेटी श्रावंथी ने सार्वजनिक रूप से आर्थिक मद्द की अपील की थी क्योंकि वेंकट के प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक राशि उनके बजट से बाहर थी। जूनियर एनटीआर और अल्लू अर्जुन समेत कई लोगों ने इनकी मदद् की थी। लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई और वो हमेशा के लिए अपने परिवार और दुनिया को अलविदा कह गए।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles