Monday, November 24, 2025
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युवा पीढ़ी के कंधों पर जम्मू-कश्मीर में शांति को बनाए रखने का जिम्मा : अमित शाह

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में वतन को जानो कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बातचीत की। उन्होंने इस दौरान विकास के लिए शांति को आवश्यक बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति को स्थायी बनाने का जिम्मा युवा पीढ़ी के कंधों पर है।

वतन को जानो कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर से आए 200 स्कूली विद्यार्थियों से संवाद के दौरान अमित शाह ने कहा कि विकास तभी आ सकता है जब शांति होती है। इसलिए युवाओं की जिम्मेदारी है कि आप जम्मू-कश्मीर लौटने पर अपने माता-पिता और मोहल्ले के लोगों को समझाएं कि पूरा देश शांति से जी रहा है और हमें भी शांति से जीना होगा।

उन्होंने बच्चों से कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ पूरा देश आपका है, इस भाव के साथ वापस जाएं। अमन और शांति ही सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बच्चों को शांति का असल वाहक बताते हुए कहा कि कोई सरकार वहां शांति नहीं रख सकती है। उन्होंने कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर का प्रत्येक बच्चा अपने माता-पिता और मोहल्ले वालों का यह समझा दे कि पूरा देश हमारा है। सबके साथ अमन और शांति के साथ रहना है। यहां से दहशतगर्दी को निकालना है तो पुलिस और सेना की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं है, जब जम्मू-कश्मीर के किसी युवा के हाथ में हथियार नहीं होगा। ऐसा होने पर हथियार वाली सेना की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। हर जगह सेना बॉर्डर पर होती है आपके यहां से भी सेना बॉर्डर पर चली जाएगी।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद और दहशतगर्दी से किसी का फायदा नहीं है। हजारों लोग पिछले 30 साल में 38 हजार लोग कश्मीर में लोग मारे गए हैं। अब नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि उन्होंने इस आंकड़े को शत प्रतिशत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घटनाओं में जम्मू-कश्मीर का एक भी युवा मरना नहीं चाहिए।

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बच्चे यहां वतन को जानो में भाग लेने के लिए एकत्र हुए हैं। यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया गया है क्योंकि अन्य चीजों के बारे में जानना भी महत्वपूर्ण है। अगर हम अपने कमरे से बाहर नहीं सोचेंगे, तो हमें पता ही नहीं चलेगा कि बाहर क्या हो रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बहुत लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में बहुत आपा-धापी चलती रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को खत्म करके पूरे देश को एक कर दिया। अब गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा आदि राज्यों की ही तरह कश्मीर भी है। अब कश्मीर के बच्चों का देश पर उतना ही अधिकार है, जितना दिल्ली के बच्चे का है। शाह ने युवाओं से सवाल किया कि ऐसा होना सही है या गलत।

शाह ने कहा कि पहले ये सिखाया जाता था कि कश्मीर हमारा है और इस पर हमारा अधिकार है। उन्होंने कहा कि आप वहां जन्में हैं तो वह आपका ही है लेकिन इसके साथ ही 29 अन्य रियासतों पर भी आपका अधिकार हो। उन्होंने युवाओं से सवाल किया कि ऐसा होना उचित है या नहीं।

शाह ने कहा कि पिछले 10 साल से हम देश को दुनिया में शीर्ष पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। पढ़ाई के लिए विदेश को वरीयता दिए जाने का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि 10 साल के बाद यह देश ऐसा बन जाएगा कि दुनिया भर के देशों के बच्चे भारत में शिक्षा के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि इससे यहां के बच्चों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर में पीने का पानी कभी नल से नहीं आता था लेकिन वहां अब 80 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंच रहा है।

शाह ने कहा कि पिछले 10 सालों में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे का आर्क ब्रिज बन गया है। इसके अलावा एशिया की सबसे बड़ी टनल, एकमात्र केबल ब्रिज, दो एम्स अस्पताल, दो आईआईएम, 24 बड़े कॉलेज और 8 विश्वविद्यालय बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये सब चीजें अब तक जम्मू-कश्मीर में नहीं होती थीं, क्योंकि वहां पर बम धमाके और दहशतगर्दी थी। शाह ने कहा कि पिछले 10 सालों में पत्थरबाजी, बम धमाके और दहशतगर्दी बंद हो गई और स्कूल पूरा समय के लिए खुल गए।

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