नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। पानी अमृत समान है, जिसे प्रकृति ने हमें जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपहार के रूप में प्रदान किया है। निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा महाराज ने यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पानी प्रकृति का अमूल्य उपहार है इसलिए इसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। अमृत प्रोजेक्ट के स्वच्छ जल, स्वच्छ मन के तीसरे चरण के आयोजन अवसर पर उन्होंने जल संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही दिल्ली के ग्राउंड नं 8 में एक विशाल सत्संग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
संत निरंकारी मंडल के सचिव एवं समाज कल्याण प्रभारी जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि देशभर में आयोजित हुई अमृत प्रोजेक्ट परियोजना में युवाओं की विशेष भागीदारी रही। वह बोले, यह मुहिम केवल एक दिन की नहीं, हर माह विभिन्न घाटों व जल स्रोतों की स्वच्छता के लिए निरंतर जारी रहेगी। संत निरंकारी मिशन इस वर्ष भी पूर्व की भांति ही आओ सवारें, यमुना किनारे का उद्घोष करते हुए इस प्रयास को और व्यापक स्वरूप दिया गया। जल संरक्षण कार्यों को 27 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 1650 से अधिक स्थानों पर, 10 लाख से भी अधिक स्वयंसेवकों द्वारा किया गया। बाबा हरदेव सिंह के जन्मदिवस को समर्पित इस अभियान में केवल घाटों और जलस्रोतों की स्वच्छता पर केंद्रित नहीं, बल्कि घरों में छोटी-छोटी आदतों के जरिए जल बचत को भी प्रोत्साहित करती है जिससे जल का सम्मान हो और यह अमूल्य संसाधन आने वाली पीढिय़ों के लिए संरक्षित रह सके।