नोएडा, (वेब वार्ता)। छात्रों को सिग्नल प्रोसेसिंग एंव नेटवर्क में हो रहे अनुसंधान व प्रगति की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियिरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा ‘‘सिग्नल प्रोसेसिंग एंव एकीकृत नेटवर्क’’ विषय पर दो दिवसीय 12वें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ एल एंड टी सेमीकंडक्टर टेक के इंजीनियरिंग के ग्लोबल हेड और चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर प्रो संजय गुप्ता, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ. बलविंदर शुक्ला, नैसकॉम इंडिया के सेक्टर स्किल कांउसिल की सीईओ डॉ. अभिलाशा गौर, यूनिवर्सिटी ऑफ ओउलू के 6 जी फ्लैगशिप के निदेशक डॉ. मैटी लाटवा अहो, यूएसए के जनरल अॅटोमिक ग्लोबल कोरपोरेशन के चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. विवेक लाल और एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियिरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. मनोज पांडेय द्वारा किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ एल एंड टी सेमीकंडक्टर टेक के इंजीनियरिंग के ग्लोबल हेड और चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर प्रो संजय गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय भारतीयों और विशेषकर आप छात्रों के लिए अवसरों का समय है। हम तकनीकी के युग में है और आज के समय नवजात बच्चे भी तकनीकी से लैस हो रहे है। भारत जिस तेजी से विकास के कदम बढ़ा रहा है स्न 2030 तक यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जायेगा। आज भारत का इलेक्ट्रोनिक उत्पादन का बाजार 100 बिलियन डॉलर का है और जिसका निर्यात कम है इसके मुकाबले में इतनी बड़ी जनसंख्या के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ रहा है। इस आयात के अवसरों को समझ कर हम अनुसंधानों व नवाचारों से अपनी तकनीकीयों का प्रसार कर सकते है। प्रो गुप्ता ने कहा कि आज हर इलेक्ट्रिक वाहन, मोबाइल, लैपटॉप आदि में आयात की हुई चिप का प्रयोग हो रहा है जिसकी खपत हमारे देश में भी काफी है। इसके अतिरिक्त उर्जा के उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में भी बृहद अवसर उपलब्ध है। इस तरह के सम्मेलन आपको अवसरों को जानने, चुनौतियों को समझे और समाधान प्राप्त करें।
एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ. बलविंदर शुक्ला ने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उददेश्य उद्योगों और अकादमिक को एक मंच पर लाना है जिससे छात्रों को विशेषज्ञों के अनुभवों से प्रोत्साहन मिले और हम उद्योगों के अपेक्षाओं के अनुरूप छात्रों को तैयार करें। उन्होनें छात्रो ंसे कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया को सदैव संचालित रखे और सही कौशल और रवैया आपको जीवन में सफलता की ओर ले जायेगा। डॉ. शुक्ला ने कहा कि एमिटी मे ंहम छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करते है, जिससे निरंतर बदलते वैश्विक व्यापारिक परिपेक्ष्य में वे स्वंय को अपग्रेड रखे।
नैसकॉम इंडिया के सेक्टर स्किल कांउसिल की सीईओ डॉ. अभिलाशा गौर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम जीवन का हर क्षण इलेक्ट्रोनिक्स के साथ व्यतीत कर रहे है इसलिए आपने जो क्षेत्र कैरियर के लिए चुना है उसका भविष्य उज्जवल है। आज भारत के लिए स्वंय के लिए ही बल्कि विश्व के लिए एक बड़ा बाजार है और जनंसांख्यिकीय विभाजन एव युवा शक्ती, देश को विश्व में और भी महत्वपूर्ण बना रहे है। डॉ. गौर ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली, सत्यम, नित्यम और पूर्णम पर आधारित है जो हमारे विकास के मार्ग को दर्शा रही है। जीवन कभी भी पूरी तरह से स्थिर नही हो सकता यह केवल तभी स्थिर होगा जब सीखने की प्रक्रिया निरतंर चलती रहेगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ ओउलू के 6 जी फ्लैगशिप के निदेशक डॉ. मैटी लाटवा अहो ने 6 जी फ्लैगशिप दुनिया का पहला 6जी अनुसंधान कार्यक्रम है, जो 5जी अपनाने में वैश्विक अग्रणी है, और 6 जी विकास में एक पसंदीदा अनुसंधान भागीदार है। हम 2030 के दशक में समाज की जरूरतों के लिए भविष्य की जानकारी और टिकाऊ समाधान बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले 6जी अनुसंधान करते हैं। हम ओउलू विश्वविद्यालय के तहत काम करते हैं, जो फिनलैंड की अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर हमें वित्तपोषित भी करता है। एमिटी में आयोजित यह सम्मेलन छात्रों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
यूएसए के जनरल अॅटोमिकस ग्लोबल कोरपोरेशन के चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. विवेक लाल ने कहा सिग्नल प्रोसेसिंग एंव एकीकृत नेटवर्क में आ रहे नवीतम शोध सूचना प्रौद्योगिकी की गती में तेजी जा रहे है। यूएस और भारत के संस्थानों के मध्य आपसी सहयोग इस विषय पर संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा प्रदान कर रही है जिसमें संयुक्त प्रोजेक्ट पर कार्य, छात्र एंव शिक्षको का आवागमन शामिल है। भारतीय संस्थानों एव उद्योगों के मध्य तकनीकी के हंस्तातरण सहयोग आवश्यक है।
एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियिरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि स्पिन-2025 का उद्देश्य शिक्षाविदों, उद्योग, उद्यमियों और शोधकर्ताओं को सिग्नल प्रोसेसिंग, इमेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विज़न, मेडिकल इमेज प्रोसेसिंग, एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, स्मार्ट आईओटी, 5जी/6जी, मोबाइल संचार, डब्ल्यूएसएन, आरएफ, एंटीना, यूएवी, रोबोटिक्स, वीएलएसआई, माइक्रो और नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स, बायो सेंसर और अन्य संबंधित क्षेत्रों में चुनौतियों, प्रगति और संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाना है।
इस सम्मेलन के अंर्तगत शिक्षा में एआई नैतिकता, ईईजी आधारित भावना पहचान के लिए अनुकूलित फिल्टर डिजाइन, ऑडियो सिग्नल में शोर में कमी के लिए अनुकूली लाइन विकास एल्गोरिदम के प्रदर्शन आदि विषयों पर प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में यूएसए के नासा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जॉन एम जेनकिन्सं, स्प्रिंगर की वरिष्ठ संपादक सुश्री कामया खट्टर और एमिटी के इलेक्ट्रोनिक एंड कम्युनिकेनशन इंजिनियािरंग विभाग के प्रमुख डॉ. जे के राय ने अपने विचार रखे।