Friday, March 14, 2025
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भाजपा के पास केजरीवाल जैसा विजनरी नेता नहीं: अवध ओझा

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अवध ओझा ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए थे। लेकिन आज दस दिन बाद भी भाजपा दिल्ली का मुख्यमंत्री घोषित नहीं कर पाई है। ओझा ने कहा कि भाजपा के पास अरविंद केजरीवाल जैसा विजनरी नेता नहीं है। दिल्ली को चलाना और आगे बढ़ाना केवल आम आदमी पार्टी को ही आता है। उन्होंने कहा आप पिछले दस साल से दिल्ली की सरकार चला रही थी, जिसमें हम मानव संसाधन पर काम कर रहे थे। आज दुनिया के जितने भी ताकतवर देश हैं, वह अपने मानव संसाधन के बल पर ही बने हैं। अवध ओझा ने आगे कहा कि मानव संसाधन के दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं। पहला शिक्षा है और दूसरा स्वास्थ्य है। प्राचीन काल में जब भारत महाशक्ति था, तो पूरी दुनिया में लगभग सारे देशों के लोग भारत के नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए इच्छुक थे। फाह्यान जैसे लोग चीन से भारत पढ़ने आए। जब देश में शिक्षा उच्चतम स्तर पर थी, तो हमारा देश महाशक्ति था। जब देश में चरक और धन्वंतरि जैसे चिकित्सक थे, तो देश महाशक्ति था। ओझा ने कहा कि इसी फार्मूले को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान देना शुरू किया।

अगर उन्हें मदद चाहिए तो मैं तैयार हूं; भाजपा में सीएम के चुनाव पर अवध ओझा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भी भाजपा ने अब तक सीएम के नाम का जिक्र नहीं किया है। इस पर आप नेता अवध ओझा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मदद चाहिए तो मैं तैयार हूं। ओझा ने कहा कि ऐसा मुझे लगता है कि 20 तारीख को भी इनके मुख्यमंत्री शपथ नहीं ले पाएंगे। जानिए अवध ओझा ने और क्या कहा।

अवध ओझा ने कहा कि इनके सीएम शपथ नहीं ले पाएंगे। जहां तक मुझे लगता है कि इस विचारधारा को आगे बढ़ाना हमारी पार्टी के ही बस में है। ओझा ने कहा कि आपके पास 48 लोग हैं। इनमें से आपको किसी एक आदमी को निकालना है और जनता को बताना है कि ये आदमी लीड कर रहा है। कम से कम इससे दिल्ली की जनता को ये तो पता चलेगा कि दिल्ली का ये मुख्यमंत्री है। ओझा ने कहा कि अब तो इलेक्शन भी खत्म हो गया है, इतनी देरी करने की क्या जरूरत है। ओझा ने कहा कि अगर नीति है तो बताओ और अगर चेहरा है तो दिखाओ।

सीएम के चुनाव पर ओझा ने अपने जाने-पहचाने अंदाज में जवाब दिया। ओझा ने कहा कि देखो ऐसा है कि हर व्यक्ति को अपने घर की जिम्मेदारी लेना चाहिए। अगर वो मुझे बुलाएंगे और अपनी असमर्थता जताएंगे कि मिस्टर ओझा हम नहीं चुन पा रहे हैं। तो वो अगर ऐसी किसी दिक्कत में हैं तो मैं अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हूं, क्योंकि एज़ ए शिक्षक मुझे पता होता था कि किसका सिलेक्शन होगा कौन होनहार है। इसके बाद ओझा ने मुस्कुराते हुए अपनी बात दोहराते हुए कहा कि अगर उन्हें मेरी सेवाओं की जरूरत है, तो मैं तैयार हूं।

आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को करारी शिकस्त मिली है। भाजपा ने बंफर जीत दर्ज की है। भाजपा ने जहां 48 सीटें जीतीं तो वहीं आप ने महज 22 सीटों को अपने नाम किया। कांग्रेस एक बार फिर जीरो पर आउट हो गई। आपको बता दें कि भाजपा ने बिना सीएम फेस के नरेंद्र मोदी को चेहरा बनाते हुए चुनाव लड़ा था। मगर जीत दर्ज करने के बाद इतने दिन बीतने के बाद भी भाजपा ने सीएम के नाम की घोषणा नहीं की है। इस बात को लेकर आप समेत विपक्षी पार्टियों ने भाजपा का घेराव करना शुरू कर दिया है।

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