कोलकाता, (वेब वार्ता)। प्रकाशक एवं पुस्तक विक्रेता गिल्ड के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला 2025 में 27 लाख लोग आए। 12 दिवसीय पुस्तक मेला 28 जनवरी से 9 फरवरी तक चला।
गिल्ड के अध्यक्ष त्रिदिब चटर्जी ने बताया कि पुस्तक मेले के आखिरी दिन रविवार (9 फरवरी) सुबह तक 25 करोड़ रुपये की किताबें बिक चुकी थीं।
उन्होंने बताया कि रविवार रात 9 बजे तक किताबों की बिक्री की अद्यतन गणना के बाद यह आंकड़ा और अधिक होगा।
गिल्ड के एक अन्य पदाधिकारी अपू डे ने बताया, ‘‘हम समापन समय तक सभी 1,000 पुस्तक स्टॉलों से बिक्री के आंकड़ों को मिलाकर एक दिन में कुल बिक्री के आंकड़े तक पहुंच पाएंगे।’’
चटर्जी ने दावा किया कि मेले में 27 लाख लोगों का आना पुस्तक मेले के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
2024 में 14 दिनों तक चलने वाले पुस्तक मेले में 29 लाख लोग आए थे और 27 करोड़ रुपये की किताबें बिकीं।
चटर्जी ने कहा, ‘‘अगर आप मेले के दो दिन कम होने के इन कारकों को ध्यान में रखते हैं, तो 12 दिन का आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।’’
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने रविवार रात समापन समारोह में कहा, ‘‘फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले को दुनिया का सबसे बड़ा मेला माना जा सकता है, लेकिन अगर कोलकाता पुस्तक मेले में आने वाले आगंतुकों की संख्या और लोगों के बीच उत्साह को ध्यान में रखा जाए, तो कोलकाता पुस्तक मेले को पूरी दुनिया में नहीं तो एशिया में सबसे बड़ा मेला माना जाएगा। ’’
पश्चिम बंगाल के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अरूप बिस्वास ने रविवार रात समापन समारोह में कहा कि पुस्तक मेला डिजिटल सामग्री के ऊपर मुद्रित पुस्तकों की सर्वोच्चता की पुष्टि करता है क्योंकि ‘आज तक हर छात्र नई मुद्रित पुस्तकों की खुशबू से बंधा हुआ है और कुछ अवसरों पर पुस्तकें उपहार में देना अभी भी लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच एक चलन बना हुआ है।
एक सवाल के जवाब में चटर्जी ने कहा कि अगले कोलकाता पुस्तक मेले की सही तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन ‘पूरी संभावना है कि यह 2026 में जनवरी के अंत-फरवरी के पहले सप्ताह की इसी अवधि के दौरान आयोजित किया जाएगा। हम कुछ दिनों के भीतर अगली तारीखों की घोषणा करेंगे।