कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जनपद मुख्यालय पर बने मेडिकल कॉलेज के नए भवन भी अब हस्तांतरित (हैंडओवर) हो गए हैं। यहां ओपीडी व अन्य विंग संचालित करने के लिए संसाधनों की आवश्यकता है। इनके उपलब्ध होते ही मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल के लिए बने नए भवन में भी इलाज शुरू हो जाएगा। केंद्र सहायतित योजना (फेज-3 ) के अंतर्गत जनपद में स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराने के लिए प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही मिल गई थी। इसके निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग और निर्माण एजेंसी गुजरात के अहमदाबाद की कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट लिमिटेड नामित की गई थी। जनपद मुख्यालय पर जिला अस्पताल से संबद्ध स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण करीब पांच एकड़ भूमि में हुआ। यहां तीन नई मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग बनी हैं। इसके अलावा सदर तहसील क्षेत्र के हरका के निकट 13 एकड़ जमीन पर राजकीय मेडिकल कॉलेज के एकेडमिक ब्लॉक की मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग्स का निर्माण कराया गया है। इस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके निर्माण की समय सीमा 18 महीना निर्धारित की गई थी। लेकिन करीब तीन साल बाद भवन पूर्ण हुए। हरका के निकट के एकेडमिक ब्लॉक के भवन तो पिछले साल में ही हैंडओवर हो गए। लेकिन हॉस्पिटल की बिल्डिंग्स का हैंडओवर होना बाकी था। क्योंकि सीडीओ और कमिश्नर ने निरीक्षण के दौरान मिलीं कुछ कमियों को दुरुस्त कराने के बाद ही हैंडओवर लेने का निर्देश दिया था। कॉलेज के प्राचार्य के प्रयास से अब हॉस्पिटल की बिल्डिंग्स भी हैंडओवर हो गई हैं। नई बिल्डिंग में ओपीडी व अन्य विंग्स संचालित करने के लिए कुर्सियां, मेज एवं अन्य जरुरी संसाधन उपलब्ध होने का इंतजार है।
इस संबंध में डॉ आर के शाही प्राचार्य एवं स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज कुशीनगर ने बताया कि जनपद मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल के लिए बनी बिल्डिंग्स भी अब हैंडओवर हो गई हैं। स्टॉफ के वहां बैठने तथा ओपीडी संचालित करने के लिए जरुरी संसाधन उपलब्ध होते ही उसमें इलाज शुरू कर दिया जाएगा।
कुशीनगर जिले का नया मेडिकल कॉलेज संसाधनों के अभाव में हैंड ओवर होने के वावजूद चालू न हो सका
