Monday, December 22, 2025
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रणजी ट्रॉफी 2023-24 में रेलवे ने रचा नया इतिहास, किया सबसे बड़ा सफल रन चेज

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। रणजी ट्रॉफी 2023-24 के सीजन में एलीट ग्रुप सी में रेलवे और त्रिपुरा के बीच खेले गए मुकाबले में एक नया इतिहास बनते हुए देखने को मिला। दोनों टीमों के बीच ये मुकाबला अगरतला के एमबीबी स्टेडियम में खेला गया जिसके आखिरी दिन के खेल में रेलवे की टीम ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास का सबसे बड़ा सफल रेज करते हुए एक नया इतिहास बना दिया। इस मुकाबले में रेलवे को आखिरी पारी में जीत के लिए 378 रनों का टारगेट मिला था, जिसे उन्होंने 5 विकेट के नुकसान पर आसानी से हासिल कर लिया। रेलवे की इस जीत में प्रथम सिंह और मोहम्मद सैफ की शतकीय पारियों ने सबसे बड़ी भूमिका अदा की।

प्रथम सिंह ने नाबाद रहने के साथ टीम की जीत को किया सुनिश्चित

इस मुकाबले की पहली पारी में त्रिपुरा की टीम सिर्फ 149 रन बनाकर सिमट गई थी। वहीं जवाब में रेलवे भी अपनी पहली पारी में 105 रन ही बनाने में कामयाब हो सकी। ऐसे में त्रिपुरा को पहली पारी के आधार पर 44 रनों की बढ़त मिल गई थी। त्रिपुरा ने मैच में अपनी दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी करने के साथ 333 रन बनाए जिसमें टीम की तरफ से सुदीप चटर्जी ने 95 तो वहीं जी सतीश ने 62 रनों की पारी खेली थी। मैच की आखिरी पारी में रेलवे की टीम को 378 रनों की टारगेट मिला जिसे हासिल करना आसान काम नहीं था।

टारगेट का पीछा करते हुए रेलवे टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने अपने शुरुआती तीन विकेट सिर्फ 31 के स्कोर तक गंवा दिए थे। इसके बाद प्रथम सिंह और मोहम्मद सैफ ने पारी को ना सिर्फ संभाला बल्कि टीम को जीत की तरफ भी लेकर जाने का काम किया। दोनों को बीच चौथे विकेट के लिए 150 से अधिक रनों की साझेदारी देखने को मिली। सैफ इस मैच में 106 रनों की पारी खेलकर पवेलियन लौट गए। वहीं प्रथम सिंह इस मुकाबले में 169 रनों की नाबाद पारी खेलने के साथ टीम को इस मैच में ऐतिहासिक जीत दिलाकर वापस लौटे।

रेलवे ने तोड़ा सौराष्ट्र का रिकॉर्ड

रेलवे की टीम ने इस लक्ष्य को हासिल करने के साथ रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे बड़ा सफल रन चेज करने के सौराष्ट्र टीम के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के खिलाफ 372 रनों के टारगेट का पीछा साल 2019-20 के सीजन में किया था। रेलवे इस मुकाबले में जीत के बावजूद अगले दौर में प्रवेश करने से जरूर चूक गया।

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