भोपाल: 23 मई (वेब वार्ता) छत्तीसगढ़ में सुनामी पर सियासत जारी है तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में कांग्रेस अब भीतरघातियों और गद्दारों को लेकर कठोर कदम उठाने जा रही है। खासकर पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी में नाराजगी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने साफ कहा कि सीनियर नेता गद्दारों को पार्टी में वापस लाने की कोशिश करेंगे, तो इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने भीतरघातियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की बात भी कही। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अब अपनों से मिले जख्मों की मरहम-पट्टी करने का फैसला लिया है, विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के साथ दगा करने वाले भितरघातियों के लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद करने की तैयारी कर ली गई है। एमपी कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने अपनी ही पार्टी के सीनियर नेताओं तक को चेतावनी भरे अंदाज में कह दिया है कि अगर सीनियर नेताओं ने भी ऐसे दलबदलुओं की पैरवी की तो उनका भी विरोध किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी कोई 3 या 4 स्टार होटल नहीं कि ऐश आराम किए और संकट के दौर में छोड़ कर चले गए। केके मिश्रा अपनी पार्टी के जिम्मेदारों को भितरघातियों के खिलाफ बिना डरे एक्शन लेने की नसीहत देते भी नजर आए। वहीं भाजपा कह रही है कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है, इसमें कोई सवार नहीं होना चाहता । कांग्रेस नेता दलबदलुओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बयान पहले भी दे चुके हैं। लेकिन चुनाव के दौरान पार्टी छोड़कर गए कुछ नेताओं और दूसरे दलों से आने वाले नेताओं के लिए ना सिर्फ पार्टी के दरवाजे खुले बल्की कई को तो टिकट देकर चुनाव भी लड़वा दिया। ऐसे में भितरघातियों के खिलाफ कड़ा स्टेंड लेने का दावा करने वाली कांग्रेस क्या वाकई इस पर अमल कर पाएगी ये देखना होगा।
कांग्रेस में ‘गद्दारों’ की No एंट्री! भीतरघातियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग



