दुबई, 21 मई (वेब वार्ता) ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के जनाजे में शामिल होने और मातम मनाने के लिए मंगलवार को लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया है। दुबई, 21 मई (एपी) ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के जनाजे में शामिल होने और मातम मनाने के लिए मंगलवार को लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया है। पड़ोसी देश बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में 2020 में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल कासिम सुलेमानी के जनाजे में एक अनुमान के अनुसार 10 लाख लोग शामिल हुए थे। दिवंगत राष्ट्रपति रईसी, विदेशमंत्री अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य के जनाजे में इतनी ही भीड़ जुटने की संभावना पर सवाल है क्योंकि इनकी मौत हेलीकॉप्टर हादसे में हुई है और रईसी देश के इतिहास में सबसे कम अंतर से चुनाव जीते थे एवं उन्होंने सभी विरोधियों के खिलाफ कड़ाई से कार्रवाई की थी। अभियोजकों ने पहले ही चेतावनी दी है कि किसी ने रईसी के निधन पर खुशी का इजहार किया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हेलीकॉप्टर हादसे के बाद से ही तेहरान की सड़कों पर भारी तादाद में सुरक्षाबल तैनात हैं।
रईसी (63)की चर्चा ईरान के सर्वोच्च नेता 85 वर्षीय अयातुल्लाह अली खामनेई के संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर होती थी लेकिन अब यह संभावना समाप्त हो गई है।राष्ट्रपति चुनाव 28 जून को कराने की घोषणा की गई है लेकर शीर्ष नेता की ओर से उत्तराधिकारी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
हेलीकॉप्टर जिस स्थान पर रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ था उसके नजदीकी प्रमुख शहर तबरेज़ की संकरी गलियों से होकर मारे गए लोगों के ताबूत मंगलवार को जब ले जाए जा रहे थे तो हजारों की संख्या में लोग काले मातमी लिबास में ताबूतों के साथ चल रहे थे। उनमें से कुछ ताबूत पर पुष्प वर्षा कर रहे हैं और लाउडस्पीकर पर लोग रोते हुए मारे गए लोगों को शहीद बताते हुए उद्घोष किए जा रहे हैं।
शवों को मंगलवार को तेहरान लाए जाने से पहले शियाओं के पवित्र शहर कौम ले जाया जाएगा। बुधवार को मारे गए लोगों को जनाजे की नमाज खामनेई के नेतृत्व में पढ़ी जाएगी जिसके बाद जुलुस के रूप में रईसी के जनाजे को बृहस्पतिवार को उनके गृहनगर बीरजंद ले जाया जाएगा और वहां से पवित्र मशहाद शहर में इमाम रज़ा की दरगाह में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। इमाम रज़ा एकमात्र शिया इमाम हैं जो ईरान में दफन हैं।