लखनऊ, अजय कुमार | वेब वार्ता
UP-रूस रक्षा सहयोग: उत्तर प्रदेश को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में वैश्विक हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है। इन्वेस्ट UP के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी की अध्यक्षता में रूसी व्यापार आयुक्त कार्यालय (दिल्ली), इंडिया-रशिया कोलैबोरेशन चैंबर के अध्यक्ष, इन्वेस्ट UP रूस डेस्क, और एसोचैम उत्तर प्रदेश चैप्टर के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य व्यापार, रक्षा निर्माण, और एयरोस्पेस क्षेत्र में द्विपक्षीय निवेश संबंधों को मजबूत करना था। चर्चा में मेक इन इंडिया और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पहलों के तहत रणनीतिक साझेदारी, तकनीकी हस्तांतरण, और नवाचार पर विशेष जोर दिया गया।
चौधरी ने कहा, “उत्तर प्रदेश रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में रूस के साथ सशक्त साझेदारी विकसित करने के लिए तैयार है। हमारी नीतियां विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करती हैं।” बैठक में जापानी पक्ष के साथ रूसी कंपनियों ने संयुक्त उद्यमों, सहयोगी मंचों, और निर्माण उत्कृष्टता पर रुचि जताई। यह बैठक भारत-रूस के बीच 2024 में 65 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को और मजबूत करने का माध्यम बनेगी। आइए, इस बैठक के प्रमुख बिंदुओं, UP की ताकत, निवेश नीतियों, और रक्षा-एयरोस्पेस सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करें।
Mr. Shashank Chaudhary, ACEO, Invest UP, held a virtual meeting with representatives from Russia’s aviation sector, along with officials from the Russian Trade Commissioner’s Office in Delhi and the President of the India–Russia Collaboration Chamber.
The discussion focused on… pic.twitter.com/WgF0JkYApw
— INVEST UP (@_InvestUP) October 24, 2025
बैठक का उद्देश्य: UP-रूस रक्षा सहयोग | रक्षा और एयरोस्पेस में द्विपक्षीय निवेश को सुदृढ़ करना
बैठक का फोकस रक्षा निर्माण, एयरोस्पेस नवाचार, और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना था। रूसी पक्ष ने UP को ‘रक्षा उत्पादन का उभरता केंद्र’ बताया। चौधरी ने कहा, “UP की बुनियादी ढांचा और नीतियां रूस के साथ साझेदारी के लिए आदर्श हैं।”
- मेक इन इंडिया का प्रभाव: 2014 से शुरू यह पहल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ा रही है। UP का योगदान 20% से अधिक।
- डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर: UP में लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर में 50+ यूनिट्स, ₹20,000 करोड़ निवेश।
- रूस-भारत सहयोग: 2024 में 65 अरब डॉलर व्यापार, रक्षा निर्यात में 30% वृद्धि।
चौधरी ने रूसी प्रतिनिधियों को UP में निवेश के अवसरों का परिचय दिया, जो FDI, Fortune Global 500, और Fortune India 500 कंपनियों के लिए आकर्षक हैं।
उत्तर प्रदेश की ताकत: रक्षा-एयरोस्पेस हब बनने का आधार
उत्तर प्रदेश रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है। चौधरी ने प्रमुख ताकतों का जिक्र किया:
- मेडिकल और इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: 2 AIIMS, 200+ मेडिकल कॉलेज, IIT कानपुर, और 25+ मेडटेक स्टार्टअप्स—कुशल मानव संसाधन तैयार कर रहे हैं।
- अवस्थापना: 13 एक्सप्रेसवे (7 संचालित, 6 निर्माणाधीन), 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, 16 घरेलू हवाई अड्डे, NCR से निकटता।
- मानव संसाधन: 56% युवा आबादी, विशाल उपभोक्ता आधार।
- रक्षा पार्क: लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर में 50+ यूनिट्स, ₹20,000 करोड़ निवेश। एयरोस्पेस में ड्रोन और सैटेलाइट मैन्युफैक्चरिंग।
रूसी प्रतिनिधि ने कहा, “UP का बुनियादी ढांचा और नीतियां रक्षा सहयोग के लिए आदर्श हैं।”
UP निवेश प्रोत्साहन नीति 2023: आकर्षक प्रोत्साहन
चौधरी ने UP निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 का विस्तार से वर्णन किया। यह नीति FDI और Fortune कंपनियों को आकर्षित करती है। प्रमुख प्रोत्साहन:
- भूमि सबसिडी: अग्रिम भूमि लागत पर 80% तक सबसिडी।
- स्टाम्प शुल्क माफी: 100% स्टाम्प शुल्क माफी।
- क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां: 33+ नीतियां, जो अनुमोदन प्रक्रिया सरल बनाती हैं और व्यापार सुगमता बढ़ाती हैं।
- अन्य: कैपिटल सबसिडी 25%, GST रिफंड 200% (5 वर्ष), बिजली सबसिडी, कौशल विकास, सिंगल विंडो क्लियरेंस।
चौधरी ने कहा, “UP की 33 क्षेत्रीय नीतियां रक्षा और एयरोस्पेस निवेश को प्रोत्साहित करती हैं।”
रक्षा-एयरोस्पेस सहयोग की संभावनाएं: संयुक्त उद्यम और नवाचार
बैठक में रक्षा निर्माण और एयरोस्पेस में साझेदारी पर विशेष जोर दिया गया। रूस भारत का प्रमुख रक्षा साझेदार है, और UP इसका केंद्र बन सकता है।
प्रमुख क्षेत्र
- रणनीतिक साझेदारी: संयुक्त उद्यमों में रक्षा उपकरण (मिसाइल, रडार) निर्माण।
- तकनीकी हस्तांतरण: रूसी तकनीक से UP में CDMO (कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग)।
- एयरोस्पेस इकोसिस्टम: ड्रोन, सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट पार्ट्स में सहयोग।
- नवाचार: R&D सेंटर, स्टार्टअप्स, और कौशल विकास।
चौधरी ने कहा, “UP रूस के साथ रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाएगा।”
भारत-रूस सहयोग का इतिहास: मजबूत साझेदारी
भारत-रूस रक्षा सहयोग 1950 से है। 2024 में 65 अरब डॉलर व्यापार। रक्षा निर्यात में 30% वृद्धि। UP में रक्षा कॉरिडोर से 20,000+ रोजगार।
प्रमुख समझौते
- S-400 डील: 2018, रूसी मिसाइल सिस्टम।
- ब्रह्मोस मिसाइल: भारत-रूस संयुक्त उद्यम।
- 2025: एयरोस्पेस में संयुक्त प्रोजेक्ट्स की योजना।
बैठक का परिणाम: निवेश का सुदृढ़ीकरण
रूसी प्रतिनिधियों ने UP में निवेश की संभावनाएं तलाशने का आश्वासन दिया। चौधरी ने कहा, “यह सहयोग रक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
निष्कर्ष: UP का रक्षा-एयरोस्पेस भविष्य उज्ज्वल
यह बैठक UP को रक्षा और एयरोस्पेस में वैश्विक हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। रूस की तकनीक और UP की क्षमता का मिलन भारत को आत्मनिर्भरता की ओर लेगा।




