Tuesday, December 2, 2025
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पाकिस्तान पर टीटीपी का बढ़ता खतरा: आर्मी चीफ आसिम मुनीर को ‘मर्द हो तो मैदान में आओ’ की ललकार, कुर्रम हमले से बढ़ी सुरक्षा चिंता

इस्लामाबाद | वेब वार्ता

पाकिस्तान, जो लंबे समय से आतंकवादियों का ‘पनाहगाह’ कहलाता रहा है, अब खुद अपने ही जन्मे संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बढ़ते खतरों से कांप रहा है। हाल ही में TTP ने कई वीडियो जारी कर पाकिस्तानी सेना को खुली चुनौती दी है, जिसमें प्रमुख कमांडर काज़िम ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को ललकारा है। एक वीडियो में काज़िम ने कहा, “अगर तुममें हिम्मत है तो मैदान में आओ और हमसे मुकाबला करो। अगर तुम मर्द हो तो लड़ो। अपनी मां का दूध पिया है तो हमसे आमने-सामने आओ।” इस बयान ने पूरे पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। TTP ने पाकिस्तानी सेना के सैनिकों को ‘भेड़-बकरियों’ की तरह भेजने का आरोप लगाया है।

यह पहली बार नहीं है जब TTP ने ऐसी धमकी दी हो, लेकिन इस बार का तेवर अधिक उग्र है। पाकिस्तान सरकार ने काज़िम की गिरफ्तारी के लिए 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का इनाम घोषित किया है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं—TTP की बढ़ती सक्रियता, कुर्रम हमला, युद्धविराम की असफल कोशिशें, और नए गुटों का खतरा।

TTP की धमकियां: आसिम मुनीर को ‘मां का दूध’ वाली ललकार

TTP ने हाल के दिनों में कई वीडियो जारी किए हैं, जिनमें कमांडर काज़िम ने आसिम मुनीर को सीधे निशाना बनाया है। एक वीडियो में काज़िम ने कहा, “तुम सैनिकों को भेड़-बकरियों की तरह भेज रहे हो। अगर हिम्मत है तो खुद आओ।” TTP ने पाकिस्तानी सेना पर असहाय सैनिकों को मौत के मुंह में धकेलने का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने काज़िम को 10 करोड़ रुपये का इनामी अपराधी घोषित किया है, लेकिन TTP के दावे के अनुसार, वे कुर्रम और खैबर पख्तूनख्वा में मजबूत पकड़ बना चुके हैं।

TTP, जो 2007 में पाकिस्तानी तालिबान का नाम ले चुका है, पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकने और सख्त इस्लामी शासन लागू करने का लक्ष्य रखता है। 2022 में युद्धविराम टूटने के बाद TTP ने हमले तेज कर दिए हैं। ACLED रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में TTP ने 600+ हमले किए, जो 2024 के पूरे वर्ष से अधिक है।

कुर्रम हमला: 8 अक्टूबर को 22 सैनिकों पर घात

TTP की उग्रता का सबसे बड़ा उदाहरण 8 अक्टूबर 2025 का कुर्रम जिले का हमला है। खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम में TTP ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। TTP ने दावा किया कि उन्होंने 22 सैनिकों को मार गिराया और कई हथियार वाहन लूट लिए। पाकिस्तानी सेना ने केवल 11 मौतों की पुष्टि की, लेकिन वीडियो में कब्जे के हथियार दिखाए गए।

  • हमले का विवरण: सड़क किनारे IED विस्फोट के बाद गोलाबारी। TTP ने दावा किया कि उन्होंने सैन्य काफिले को निशाना बनाया।
  • प्रभाव: कुर्रम में सैन्य गतिविधियां बढ़ीं। TTP ने कहा, “यह हमारी क्षमता का प्रमाण है।”
  • पाकिस्तानी प्रतिक्रिया: ISPR ने कहा, “हम TTP को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।”

यह हमला TTP की संगठित क्षमता को दर्शाता है, जो अफगानिस्तान से संचालित होता है।

युद्धविराम की कोशिशें: कतर-तुर्की मध्यस्थता असफल

हाल के महीनों में पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच कतर और तुर्की की मध्यस्थता से युद्धविराम की कोशिशें हुईं। अक्टूबर 2025 में दोहा में हुए समझौते में दोनों पक्षों ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई। तालिबान ने कहा, “हम पाकिस्तान के खिलाफ अपनी धरती का उपयोग नहीं करेंगे।” पाकिस्तान ने कहा, “TTP जैसे गुटों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”

  • समझौते की शर्तें: तत्काल युद्धविराम, संयुक्त निगरानी तंत्र, तुर्की-कतर की मध्यस्थता।
  • समयावधि: 48 घंटे का युद्धविराम, जो दोहा वार्ताओं के दौरान बढ़ाया गया।
  • असफलता: युद्धविराम टूट गया, कुर्रम हमला इसका प्रमाण। पाकिस्तान ने कहा, “अफगानिस्तान TTP को पनाह दे रहा है।”

अफगान तालिबान ने पाकिस्तान के हवाई हमलों का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने कहा, “TTP के कैंपों पर हमला।”

नए गुटों की वापसी: TTP से प्रेरित LeJ, ISKP, JeM

TTP की सक्रियता ने अन्य चरमपंथी संगठनों को भी हिम्मत दी है। लश्कर-ए-झांगवी (LeJ), इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP), और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपनी गतिविधियां तेज की हैं।

  • LeJ: अल्पसंख्यकों पर हमलों के लिए कुख्यात। 2025 में 20+ हमले।
  • ISKP: TTP के असंतुष्ट लड़ाकों को आकर्षित कर रहा है। अफगानिस्तान से संचालित।
  • JeM: कश्मीर में सक्रिय, लेकिन पाकिस्तान में भी हमले बढ़े।

ACLED रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में TTP ने 600+ हमले किए। किश्वर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे प्रभावित हैं।

आसिम मुनीर की रणनीति पर सवाल

सेना प्रमुख आसिम मुनीर को कठोर रुख वाला माना जाता है, लेकिन TTP के हमलों ने उनकी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुनीर ने कहा, “TTP जैसे प्रॉक्सी को धूल चटाएंगे।” लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान से संचालित TTP को रोकना चुनौतीपूर्ण है।

पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा: संकट गहराया

TTP की वापसी ने पाकिस्तान की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। 2025 सबसे घातक वर्ष बन गया है। कुर्रम और खैबर पख्तूनख्वा में सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं। सरकार ने कहा, “हम TTP को जड़ से उखाड़ेंगे।”

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