भोपाल | वेब वार्ता
दीपावली के उत्सव में एक कड़वी सच्चाई सामने आई है। भोपाल जिले में कार्बाइड गन और अवैध पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गुरुवार को जारी किया है। यह कदम दीपावली पर 60 से अधिक लोगों, ज्यादातर 8-14 साल के बच्चों, के घायल होने की घटनाओं के बाद उठाया गया है। कलेक्टर ने हमीदिया अस्पताल का दौरा कर घायलों की स्थिति का जायजा लिया और प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस को सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने हमीदिया अस्पताल पहुँच कार्बाइड गन से घायल उपचाररत व्यक्तियों एवं बच्चों का जाना हाल-चाल
रेड क्रॉस के माध्यम से ₹5000 प्रति व्यक्ति की आर्थिक सहायता मौके पर ही उपलब्ध कराई
जिले में प्रतिबंधित पटाखों और कार्बाइड गन की बिक्री पर कड़ी कार्रवाई, 55 कार्बाइड गन जब्त pic.twitter.com/tdpbl8oLw2
— Collector Bhopal (@CollectorBhopal) October 23, 2025
यह प्रतिबंध भोपाल की सड़कों पर कार्बाइड गन के दुरुपयोग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास है, जो बच्चों और युवाओं के लिए घातक साबित हो रही हैं। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं—कार्बाइड गन क्या है, दीपावली पर हुई घटनाएं, कलेक्टर का आदेश, और भविष्य की सुरक्षा उपाय।
कार्बाइड गन क्या है? एक खतरनाक ‘खिलौना’ जो उत्सव को हादसे में बदल देता है

कार्बाइड गन, जिसे ‘पाइप गन’ या ‘देसी पटाखा गन’ भी कहा जाता है, एक घरेलू तरीके से बनाया जाने वाला खतरनाक उपकरण है। यह PVC पाइप, गैस लाइटर, और कैल्शियम कार्बाइड (CaC2) से तैयार किया जाता है। जब कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आता है, तो एसीटिलीन गैस उत्पन्न होती है, जो चिंगारी से विस्फोटक धमाका पैदा करती है। कीमत मात्र ₹50-150 होने से ये ‘खिलौना’ के रूप में बच्चों तक पहुंच जाते हैं।
कार्बाइड गन के खतरे
- विस्फोट की तीव्रता: धमाका इतना तेज होता है कि आंखों में चोट, चेहरे पर जलन, और कभी-कभी अंधापन हो जाता है।
- रासायनिक जोखिम: कैल्शियम कार्बाइड विषैला होता है, जो त्वचा को जला देता है और सांस की समस्या पैदा करता है।
- दीपावली कनेक्शन: उत्सव की उमंग में बच्चे इसे ‘मजेदार खिलौना’ समझकर इस्तेमाल करते हैं, जो हादसे का कारण बन जाता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) मनीष शर्मा ने कहा, “कार्बाइड गन बहुत खतरनाक हैं। ये ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव’ हैं, जो बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं।”
दीपावली पर भोपाल में हादसे: 60+ घायल, 14 बच्चों की आंखों पर खतरा
दीपावली (20 अक्टूबर 2025) पर भोपाल में कार्बाइड गन के दुरुपयोग से 60 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें अधिकांश 8-14 साल के बच्चे हैं। हमीदिया अस्पताल में 26 बच्चे भर्ती हैं, जिनमें से 14 की आंखों पर स्थायी क्षति का खतरा है।
प्रमुख घटनाएं
- विस्तृत संख्या: भोपाल में 60+ घायल, जिसमें 42 आंखों में चोट। 10 बच्चे हमीदिया अस्पताल में भर्ती।
- स्थान: भोपाल के विभिन्न इलाकों में, विशेषकर बाजारों और पार्कों में।
- प्रभाव: कई बच्चों को स्थायी अंधापन का खतरा। 14 साल का हेमंत पंथी और 15 साल का अरिस गंभीर रूप से घायल।
- कारण: कार्बाइड गन ₹150 में आसानी से उपलब्ध, लेकिन प्रतिबंधित। CM मोहन यादव ने 18 अक्टूबर को DM-SP को बैन का आदेश दिया, लेकिन बाजारों में उपलब्धता बनी रही।
घायलों के परिवारों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। हेमंत के पिता ने कहा, “प्रशासन ने बैन का पालन नहीं किया। बच्चे तरसते रह गए।”
कलेक्टर का आदेश: पूर्ण प्रतिबंध, सख्त निगरानी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी किया:
- पूर्ण प्रतिबंध: कार्बाइड गन का निर्माण, भंडारण, बिक्री पर तत्काल रोक।
- कार्रवाई: DM-SP को अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश। उल्लंघन पर जुर्माना और गिरफ्तारी।
- अस्पताल दौरा: कलेक्टर ने हमीदिया अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। CMHO मनीष शर्मा ने कहा, “60 लोग उपचाररत हैं। आंखों की चोटें गंभीर हैं।”
कलेक्टर ने कहा, “जनहित में यह प्रतिबंध जरूरी है। पुलिस और प्रशासन मिलकर अमल करेंगे।”
भोपाल में कार्बाइड गन का इतिहास: प्रतिबंध के बावजूद दुरुपयोग
मध्य प्रदेश में कार्बाइड गन पर 2023 से प्रतिबंध है, लेकिन दीपावली पर ये बाजारों में उपलब्ध रहे। CMO शर्मा ने कहा, “₹50 में PVC पाइप, ₹10 में कैल्शियम कार्बाइड से बनता है। विस्फोट आंखें फोड़ देता है।”
भोपाल दीपावली हादसे (2025)
| अस्पताल | भर्ती बच्चे | आंखों पर खतरा |
|---|---|---|
| हमीदिया | 26 | 14 |
| अन्य | 34 | 28 |
भविष्य के उपाय: जागरूकता और सख्ती
- प्रशासनिक कदम: बाजारों में छापेमारी, जागरूकता अभियान।
- समाज का दायित्व: माता-पिता बच्चों को ऐसे ‘खिलौनों’ से दूर रखें।
- चेतावनी: उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई।
यह प्रतिबंध भोपाल को सुरक्षित उत्सव का संदेश देता है।
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