कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के खड्डा क्षेत्र में नारायणी नदी के तट पर मां नारायणी सामाजिक कुंभ स्थल पर दीपावली के अवसर पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। छितौनी-बगहा रेल पुल के नीचे स्थित इस पवित्र स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां नारायणी का पूजन हुआ। उसके बाद हजारों दीपों से नदी तट जगमगा उठा, जो आस्था, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक बना।
वैदिक पूजन से शुरू हुआ दीपोत्सव: आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार
कार्यक्रम वैदिक मंत्रों के बीच मां नारायणी के पूजन से शुरू हुआ। पूजन के बाद दीप प्रज्वलन किया गया, जिससे नारायणी नदी का तट दिव्य प्रकाश से आलोकित हो गया। उपस्थित भक्तों ने दीप जलाकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। संरक्षक डॉ. सत्येंद्र गिरी ने कहा, “दीपोत्सव का महत्व आध्यात्मिक दृष्टि तक सीमित नहीं है। यह मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और कल्याण को आकर्षित करता है। दीपक की ज्योति हमेशा ऊपर की ओर उठती है, जो हमें सिखाती है कि हमारी वृत्ति भी उच्च और पवित्र विचारों की ओर होनी चाहिए। दीपक की प्रकाशमान ज्योति हमारे जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।”
दीपोत्सव का संदेश: बुराई पर अच्छाई की जीत, राम के अयोध्या आगमन की प्रसन्नता
संयोजक मनोज कुमार पांडेय ने कहा, “दीपोत्सव धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, सुख-समृद्धि लाता है और जीवन में अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का संदेश देता है। यह राम के अयोध्या आगमन की प्रसन्नता का दिन है।” कार्यक्रम में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया, जो आस्था और उत्साह से भरा रहा।