Monday, October 20, 2025
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डिप्टी CM केशव-ब्रजेश नहीं पहुंचे, राज्यपाल ने रद्द किया कार्यक्रम; अखिलेश का तंज- ‘डबल इंजन ही नहीं, इंजन से डबल डिब्बे भी टकरा रहे’

लखनऊ/अयोध्या, अजय कुमार (वेब वार्ता)। अयोध्या दीपोत्सव 2025 के भव्य आयोजन में दो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की अनुपस्थिति ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। दोनों ने अचानक अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए, जबकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी दीपोत्सव में भाग लेने का अपना प्लान बदल दिया। इस पर SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा तंज कसा है, कहा कि “भाजपा में डबल इंजन ही नहीं, इंजन से डबल डिब्बे भी टकरा रहे हैं।” अखिलेश ने कहा कि हटावादी सोच के अहंकार में डूबी भाजपा अपनों की सगी नहीं है।

डिप्टी CM और राज्यपाल की अनुपस्थिति: सियासी सवाल

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक पत्र जारी कर कहा कि “अपरिहार्य कारणों से अयोध्या जाने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा है।” ब्रजेश पाठक ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन सूत्रों के अनुसार पहले से तय कार्यक्रम के कारण वे नहीं पहुंच सके। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अपना दौरा रद्द कर दिया। यह अनुपस्थिति अयोध्या दीपोत्सव के भव्य आयोजन के बीच सियासी अटकलों को जन्म दे रही है।

अखिलेश का तंज: ‘डबल इंजन टकरा रहा, PDA सांसद को न बुलाने पर नाराजगी’

SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर तंज कसा, “उस भाजपा से क्या उम्मीद करना, जो वर्चस्ववादी सोच के अहंकार में डूबी है और अपनों की ही सगी नहीं है। जनता पूछ रही है कि UP BJP सरकार में उपमुख्यमंत्री के दोनों पद समाप्त कर दिए गए हैं क्या?” उन्होंने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) सांसद अवधेश प्रसाद का जिक्र किए बिना कहा, “भाजपा सरकार द्वारा अयोध्या के PDA सांसद को दीपोत्सव में नहीं बुलाने से PDA समाज बेहद आहत है।”

BJP का बचाव: “कार्यक्रम पहले से तय, अयोध्या दीपोत्सव भव्य रहा”

BJP ने अनुपस्थिति को सामान्य बताया। एक BJP नेता ने कहा, “उपमुख्यमंत्रियों के कार्यक्रम पहले से तय थे। दीपोत्सव भव्य रहा, इसमें 26 लाख दीप प्रज्वलित हुए। यह सांस्कृतिक उत्सव है, सियासत का नहीं।” राज्यपाल कार्यालय ने कहा, “राज्यपाल का दौरा अपरिहार्य कारणों से रद्द हुआ।”

अखिलेश का बयान SP की PDA रणनीति को मजबूत करने का प्रयास लगता है, जबकि BJP ने इसे नजरअंदाज किया। यह विवाद यूपी विधानसभा चुनावों से पहले सांस्कृतिक मुद्दों को गरमा सकता है।

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