दोहा (क़तर), (वेब वार्ता)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक सप्ताह से चले आ रहे भीषण सीमा संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठा है। कतर के विदेश मंत्रालय ने रविवार सुबह घोषणा की कि दोहा में तुर्की की मध्यस्थता वाली शांति वार्ता में दोनों देश तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। यह समझौता 10 अक्टूबर से शुरू हुए हिंसक झड़पों के बाद आया है, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। कतर ने कहा कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में बैठकें करेंगे ताकि युद्धविराम की स्थिरता सुनिश्चित हो और इसका विश्वसनीय कार्यान्वयन हो सके।
यह समझौता 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद दोनों देशों के बीच सबसे घातक संकट को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने X पर पोस्ट किया, “सीजफायर फाइनल हो गया। 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में विस्तृत चर्चा होगी।” अफगान रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब के नेतृत्व वाली काबुल टीम ने भी सहमति जताई।
दोहा वार्ता: तुर्की मध्यस्थता में 13 घंटे की चर्चा
दोहा में तुर्की की मध्यस्थता वाली वार्ता शनिवार को शुरू हुई, जिसमें पाकिस्तान और अफगान प्रतिनिधिमंडल ने 13 घंटे तक बात की। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा, “वार्ता में दोनों पक्षों ने तत्काल युद्धविराम और स्थायी शांति के तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई।” पाकिस्तान ने कहा कि चर्चा अफगानिस्तान से सीमा पार आतंकवाद रोकने और शांति बहाल करने पर केंद्रित थी।
वार्ता से ठीक पहले पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत में हवाई हमला किया था, जिसमें 17 लोग मारे गए (जिनमें 3 अफगान क्रिकेटर शामिल थे)। अफगानिस्तान ने इसे सीजफायर उल्लंघन बताया, लेकिन वार्ता के बाद सहमति बनी।
पाकिस्तान के आरोप: अफगानिस्तान में छिपे आतंकवादी
पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे समूह हमले कर रहे हैं। इस्लामाबाद ने कहा, “हम तनाव बढ़ाने का इरादा नहीं रखते, लेकिन काबुल को आतंकवाद रोकना होगा।” पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया।
तालिबान का जवाब: पाकिस्तान पर ISIS समर्थन का आरोप
तालिबान ने आतंकवादियों को पनाह देने से इनकार किया। अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, “पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा, लेकिन हम शांति चाहते हैं। पाकिस्तान ISIS समर्थकों को पनाह दे रहा है।” तालिबान ने कहा कि हमले में नागरिक मारे गए, जबकि पाकिस्तान ने “सत्यापित आतंकी कैंपों” पर हमला बताया।
संघर्ष का पृष्ठभूमि: 2021 से तनाव
2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान अफगानिस्तान को TTP के लिए सुरक्षाहार्बर बताता है, जबकि तालिबान पाकिस्तान पर ISIS-K समर्थन का आरोप लगाता है। 10 अक्टूबर से शुरू हुए संघर्ष में 50 से अधिक मौतें हुईं, जिसमें 17 पक्तिका में हवाई हमले से। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट सीरीज से हटने का फैसला किया।
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की। सऊदी अरब और कतर ने मध्यस्थता की। यह सीजफायर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सकारात्मक है।