मुंबई (वेब वार्ता)। महाराष्ट्र की राजनीति में दो बड़े घटनाक्रम ने सुर्खियां बटोरी हैं। एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ विनायक दामोदर सावरकर (वीडी सावरकर) के भतीजे सत्यकी सावरकर ने मानहानि मामले में विशेष अदालत में पहला बयान दर्ज कराया, वहीं दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मनसे के दीपोत्सव में एक साथ नजर आकर सियासी अटकलों को हवा दी। यह ठाकरे भाइयों का 19 साल बाद का एक और ‘पुनर्मिलन’ है, जो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के दीपोत्सव कार्यक्रम में हुआ।
सावरकर मानहानि केस: सत्यकी का पहला बयान, राहुल को नवंबर तक समय
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विवादित बयान से जुड़े मानहानि मामले में वीडी सावरकर के भतीजे सत्यकी सावरकर ने शुक्रवार को पुणे की विशेष अदालत में अपना पहला बयान दर्ज कराया। यह सुनवाई का पहला दिन था। सत्यकी ने अदालत को बताया कि राहुल गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में दिए गए अपने एक भाषण में कहा था कि वीडी सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटा था और उन्हें इस पर खुशी हुई। सत्यकी ने इस बयान को झूठा, दुर्भावनापूर्ण और सावरकर की छवि को धूमिल करने वाला बताया।
यह केस अप्रैल 2023 में सत्यकी द्वारा दर्ज कराया गया था, जिसमें उन्होंने राहुल के बयान को सावरकर के खिलाफ अपमानजनक करार दिया। सावरकर के परिजनों का कहना है कि यह बयान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास है। राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने अदालत में समय मांगा ताकि वे सत्यकी की याचिका का विस्तृत जवाब तैयार कर सकें। याचिका में सत्यकी ने यह भी कहा कि राहुल ने अप्रत्यक्ष रूप से महात्मा गांधी की हत्या को सही ठहराने का प्रयास किया, क्योंकि नाथूराम गोडसे के परिवार के खिलाफ कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं हुआ।
कोर्ट ने राहुल के वकील को दस्तावेजों का अध्ययन करने और 7 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का समय दिया। अगली सुनवाई उसी दिन होगी। राहुल ने पहले इस केस में खुद को निर्दोष बताया था और कहा था कि सावरकर पर उनके बयान ऐतिहासिक संदर्भ में हैं। इस मामले ने महाराष्ट्र चुनावों के दौरान सावरकर मुद्दे को फिर से गरमा दिया है, जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को सावरकर पर स्टैंड लेने में चुनौतियां आ रही हैं।
मनसे दीपोत्सव: उद्धव-राज का साथ, सियासी गठबंधन की अटकलें तेज

दूसरी ओर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के दीपोत्सव कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक साथ मंच साझा किया। मुंबई के दादर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान में आयोजित इस भव्य दीपोत्सव में उद्धव ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलन किया। यह ठाकरे भाइयों का 19 साल बाद का एक और संयुक्त कार्यक्रम था, जो जुलाई 2025 में मराठी भाषा रैली के बाद हुआ।
उद्धव अपने परिवार के साथ पहुंचे, जबकि राज ने मनसे कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह बांटा। दोनों ने मराठी एकता का संदेश दिया और कहा कि महाराष्ट्र किसी राजनीति से बड़ा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सियासी गठबंधन का संकेत हो सकता है, खासकर आगामी निकाय और विधानसभा चुनावों को देखते हुए। जुलाई से अब तक ठाकरे भाइयों की यह पांचवीं मुलाकात है, जिसमें गणेशोत्सव और जन्मदिन समारोह भी शामिल हैं।
राज ने कहा, “20 साल बाद हम साथ आए हैं, जो बालासाहेब का सपना था।” उद्धव ने भी सहमति जताई कि एकता से महाराष्ट्र मजबूत होगा। लेकिन कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (MVA) में मनसे को शामिल करने पर असमंजस बरकरार है। यह घटना महाराष्ट्र की सियासत में नया मोड़ ला सकती है, जहां BJP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के खिलाफ विपक्ष को मजबूती मिल सकती है।
ये दोनों घटनाएं महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा दे रही हैं, जहां ऐतिहासिक विवाद और पारिवारिक सुलह सियासी समीकरण बदल सकते हैं।