चंडीगढ़, अजय कुमार (वेब वार्ता)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद और राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन ने चंडीगढ़ में आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या को “हत्या” करार दिया। सुमन ने दिवंगत अधिकारी के परिवार से मुलाकात की और उनके पिता को ढांढस बांधा। उन्होंने कहा कि यह घटना दलित समुदाय को झकझोरने वाली है और भाजपा सरकार इस षड्यंत्र में शामिल है। सुमन ने हाईकोर्ट से जांच की मांग की।
सुमन का बयान: आत्महत्या नहीं, हत्या
सुमन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “आईपीएस पूरन कुमार की यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। दलित समुदाय से होने के कारण उन्हें जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। सुसाइड नोट में उन्होंने आला अफसरों का नाम लिया। भाजपा शासित राज्य सरकार दोषियों को बचा रही है।”
उन्होंने कहा, “आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान अपनी नाकामियों पर दूसरों का दोष देता है। इसी तरह, BJP सरकार दलितों के साथ भेदभाव करती है। वरिष्ठ IPS के साथ ऐसा सलूक हुआ है, तो सामान्य दलित कर्मचारियों की स्थिति क्या होगी? RSS और मनुवादी सोच सत्ता में है, इसलिए ऐसी घटनाएं हो रही हैं।”
जांच पर सवाल
सुमन ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा, “एक उपनिरीक्षक द्वारा DGP और वरिष्ठ अधिकारियों की जांच कैसे निष्पक्ष हो सकती है? राज्य सरकार पर भरोसा नहीं। हाईकोर्ट के न्यायाधीश से जांच होनी चाहिए।”
प्रतिनिधिमंडल में उपस्थित सदस्य
सुमन के साथ प्रतिनिधिमंडल में डॉ. विक्रम यादव (अध्यक्ष), त्रिभुवन राजभर, राधेश्याम यादव, शेषनाथ यादव, सरदार जोगिंदर सिंह, महेंद्र यादव, राजनारायण यादव, पंकज यादव, अवधेश कुमार, सुरजीत यादव, बलजीत सिंह, सुरेंद्र ठाकुर, संजीव वर्मा, नागेंद्र गुप्ता, राम शरीफ यादव, श्री प्रकाश यादव, अजर कुमार, अधिवक्ता राजेंद्र यादव, धर्मदेव, अब्दुल खान, संतोष कुमार, राम आधार, विजय शंकर, दिलीप चौहान, और पन्ने लाल मौजूद रहे।
निष्कर्ष
रामजी लाल सुमन की यह मुलाकात और बयान दलित अधिकारों और जांच की मांग को राजनीतिक मुद्दा बना देगा। BJP सरकार पर दबाव बढ़ेगा।