काबुल/अंतरराष्ट्रीय डेस्क (वेब वार्ता)। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। अफगान मीडिया के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने पक्तिका प्रांत में ड्रोन हमले किए, जो 48 घंटे के सीजफायर के बढ़ाए जाने के कुछ ही घंटों बाद हुआ। तोलो न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले तीन जगहों पर हुए, जिनमें एक आम नागरिकों के घर पर और दो अफगान तालिबान के सैन्य ठिकानों पर लक्षित थे। इन हमलों में कम से कम 10 लोग मारे गए, जिनमें 8 क्रिकेट खिलाड़ी शामिल हैं, जबकि 7 घायल हुए। इससे सीजफायर टूट गया, और तालिबान ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार की धमकी दी है।
यह घटना 17 अक्टूबर की शाम साढ़े 6 बजे के आसपास हुई, जब दोनों देशों के बीच अस्थायी युद्धविराम समाप्त हो गया था। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि सीजफायर को दोहा में प्रस्तावित वार्ता तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन से हमला बोल दिया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलों में महिलाएं, बच्चे और स्थानीय क्रिकेट खिलाड़ी मारे गए। एक हमले में 8 क्रिकेटर मारे गए, जो क्लब स्तर के मैच खेल रहे थे।
ड्रोन से तीन जगह हमले: नागरिकों पर भी निशाना
पक्तिका-दक्षिण वजीरिस्तान सीमा पर हुए इन हमलों की पुष्टि अफगान अधिकारियों ने की है। तोलो न्यूज के अनुसार, एक हमला ख्वंदारो गांव (अर्घुन जिला) पर हुआ, जहां एक घर को निशाना बनाया गया, जिसमें 17 नागरिक मारे गए। अन्य दो हमले बरमल और ऊरगुन जिलों में तालिबान के ठिकानों पर किए गए, जहां पाकिस्तान ने दावा किया कि यह टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के खूंखार गुट गुल बहादुर के ठिकानों पर था। पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि हमले में 60 से अधिक उग्रवादी मारे गए, लेकिन अफगान पक्ष इसे नागरिक हत्या बता रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की सहायता मिशन (UNAMA) ने पिछले सप्ताह के संघर्षों में 37 नागरिकों की मौत और 425 घायलों की पुष्टि की है, जो पक्तिका सहित कई प्रांतों में हुई। यह हमला 9 अक्टूबर से शुरू हुए सीरीज का हिस्सा लगता है, जब पाकिस्तान ने काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले किए थे।
पाकिस्तान की बमबारी से भड़का तालिबान: ‘जवाब देंगे’
पाकिस्तान के हमलों के बाद तालिबान ने कड़ा रुख अपनाया है। एक वरिष्ठ तालिबान अधिकारी ने एएफपी को बताया, “पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा है और पक्तिका में तीन जगहों पर बमबारी की है। अफगानिस्तान इसका जवाब देगा।” तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनके सैनिकों को हमला न करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई होगी।
पाकिस्तानी पक्ष का कहना है कि सीजफायर तालिबान के साथ था, न कि अफगानिस्तान में छिपे इस्लामिक उग्रवादियों के साथ। लेकिन अफगानिस्तान ने इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। सोशल मीडिया पर अफगान यूजर्स ने पाकिस्तान को ‘आतंकवादी राज्य’ करार देते हुए ICC को भी पत्र लिखा है, दावा करते हुए कि क्रिकेट मैच के दौरान हमला हुआ।
संघर्षविराम बढ़ाने पर बनी थी सहमति, लेकिन…
15 अक्टूबर को दोनों देशों ने 48 घंटे का अस्थायी सीजफायर घोषित किया था, जो दोहा में वार्ता तक बढ़ाने पर सहमत हुए थे। संयुक्त राष्ट्र ने इसे सकारात्मक बताया था, लेकिन हमलों ने शांति प्रयासों को धक्का पहुंचा दिया। पिछले एक सप्ताह में डूरंड लाइन पर संघर्ष में दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं।
दोहा में जारी है वार्ता की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल दोहा पहुंच चुका है, जबकि अफगान टीम शनिवार को कतर की राजधानी पहुंचेगी। लेकिन हमलों के बाद वार्ता पर सवाल उठ रहे हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान टीटीपी को शरण दे रहा है, जबकि तालिबान पाकिस्तान पर आईएसआईएस समर्थकों को पनाह देने का इल्जाम लगाता है।
यह संघर्ष 2021 से तालिबान की सत्ता आने के बाद तेज हुआ है, जहां सीमा विवाद ने दोनों देशों के संबंधों को खराब कर दिया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अफगानिस्तान ने क्रिकेट सीरीज से भी हटने का ऐलान किया है।