नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि तालिबान भारत के इशारे पर पाकिस्तान के खिलाफ छद्म युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) लड़ रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार (16 अक्टूबर 2025) को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में इन आरोपों को “बेतुका और निराधार” बताते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया। जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान अपनी आंतरिक नाकामियों के लिए दूसरों को दोष देने का आदी है। आतंकवाद को पनाह देना और उसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना पाकिस्तान की नीति रही है।”
भारत का रुख: अफगानिस्तान की संप्रभुता का समर्थन
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, और स्वतंत्रता के पक्ष में दृढ़ता से खड़ा है। उन्होंने बताया कि भारत पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष पर करीबी नजर रख रहा है। “हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अफगानिस्तान को अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता का अधिकार है। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि हर समस्या का समाधान दूसरों को दोष देने से नहीं होता।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का युद्धविराम लागू है। यह युद्धविराम सीमा पर भीषण संघर्ष और पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद हुआ, जिसमें दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए थे।
विदेश मंत्रालय का बयान: पाकिस्तान आतंक का पनाहगार
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप दोहराया। जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान वर्षों से आतंकवादी संगठनों को पनाह देता आ रहा है। उसकी धरती से कई बार भारत और पड़ोसी देशों पर हमले हुए हैं। अब जब वह खुद आतंक के दंश से पीड़ित है, तो दोष दूसरों पर डाल रहा है। यह उसकी पुरानी रणनीति है।” मंत्रालय ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हस्तक्षेप और हवाई हमलों को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया। भारत ने कहा कि वह क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी हिंसा का विरोध करता है।
पाकिस्तान का आरोप: तालिबान भारत का प्रॉक्सी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को जियो टीवी के साथ इंटरव्यू में कहा था, “अफगान तालिबान अब भारत के इशारे पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है। उनके फैसले दिल्ली से तय हो रहे हैं।” उन्होंने 48 घंटे के युद्धविराम की स्थिरता पर भी संदेह जताया, दावा करते हुए कि काबुल अब दिल्ली का प्रॉक्सी बन चुका है। भारत ने इस बयान को कूटनीतिक रूप से गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि पाकिस्तान को अपनी धरती पर पल रहे आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
भारत-अफगान संबंधों में प्रगति
भारत और अफगानिस्तान के संबंध हाल के महीनों में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। हालांकि भारत ने तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय सहायता, शिक्षा, और स्वास्थ्य परियोजनाओं के माध्यम से सहयोग बढ़ा रहा है। रणधीर जायसवाल ने बताया कि काबुल में भारत का तकनीकी मिशन अब दूतावास में स्थानांतरित हो रहा है, और यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।
संदर्भ: पाक-अफगान तनाव
पाक-अफगान सीमा पर हालिया संघर्ष में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। तालिबान ने पाकिस्तान के हवाई हमलों को “आक्रमण” करार दिया, जबकि पाकिस्तान ने तालिबान पर टीटीपी (पाकिस्तानी तालिबान) को शरण देने का आरोप लगाया। इस तनाव के बीच ख्वाजा आसिफ का भारत पर आरोप एक नया विवाद है।
निष्कर्ष
भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को कड़े शब्दों में खारिज कर क्षेत्रीय शांति पर जोर दिया है। यह विवाद दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए नई चुनौतियां पेश करता है। भारत का अफगानिस्तान के साथ सहयोग और मजबूत होगा।