कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बड़ी गंडक नदी का रुख बदलने से चिंता बढ़ गई है। नेपाल में बारिश कम होने से नदी का जलस्तर घटा है, लेकिन किमी 8.700 के पास ठोकर पर दबाव बनाते हुए कटाव तेज हो गया है। इससे छितौनी बांध के आसपास के 30 हजार ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं। विभाग ने परक्यूपाइन, बोल्डर और बालू भरी बोरियां डालकर मरम्मत शुरू की है। एसडीओ मनोरंजन कुमार ने कहा, “बांध सुरक्षित है, खतरा नहीं।”
बाढ़ का पूरा विवरण: जलस्तर घटा, लेकिन कटाव से खतरा
नेपाल में वर्षा थमने से वाल्मीकिनगर बैराज का डिस्चार्ज घटा। गुरुवार को नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 20 सेमी नीचे (67.51 मीटर) रहा। लेकिन रुख बदलने से ठोकर पर दबाव बढ़ा। किमी 8.700 पर कटाव हो रहा है।
एक पखवाड़ा पहले भैंसहा गांव के सामने किमी 8.800 पर कटाव हो रहा था। एप्रन का 10-15 मीटर हिस्सा नष्ट हो गया। जलस्तर घटने से मरम्मत हुई, लेकिन अब नई ठोकर पर खतरा।
ग्रामीणों का कहना है:
“कटाव रोकने की मरम्मत खानापूरी है। बांध टूटा तो 30 हजार डूब जाएंगे।”
प्रभावित क्षेत्र
क्षेत्र | स्थिति |
---|---|
छितौनी बांध | किमी 8.700 पर कटाव, दबाव बढ़ा |
भैंसहा गांव | पूर्व कटाव स्थल, मरम्मत की गई |
30 हजार आबादी | बांध के आसपास, खतरे में |
विभाग की कार्रवाई: मरम्मत और निगरानी
एसडीओ मनोरंजन कुमार ने कहा:
“कटाव स्थल पर परक्यूपाइन, बोल्डर और बालू भरी बोरियां डाली जा रही हैं। बांध सुरक्षित है। कोई खतरा नहीं।”
विभाग ने निगरानी बढ़ाई है। ग्रामीणों ने मरम्मत की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
जनता से अपील: बाढ़ अलर्ट पर सतर्क रहें
SDO ने अपील की: “बाढ़ की सूचना पर सतर्क रहें। राहत केंद्रों का उपयोग करें।” अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें।