गाजियाबाद, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शनिवार शाम वेव सिटी थाना क्षेत्र के अंडरपास पर पुलिस ने अनिल दुजाना गैंग के कुख्यात सदस्य बलराम ठाकुर को मुठभेड़ में मार गिराया। बलराम पर 50 हजार रुपये का इनाम था और वह लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। पुलिस के अनुसार, बलराम ने दो दिन पहले मदन स्वीट्स के मालिक ब्रह्म यादव से 50 लाख रुपये और एक लोहा कारोबारी से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। इस वारदात के बाद पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही थी।
पुलिस कमिश्नर जे. रवींद्र गौड़ ने मुठभेड़ के बाद पत्रकारों से बातचीत में इस ऑपरेशन की जानकारी दी। यह मुठभेड़ गाजियाबाद पुलिस की अपराध नियंत्रण और रंगदारी रोकने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
मुठभेड़ का विवरण: रंगदारी के बाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर जे. रवींद्र गौड़ ने बताया कि बलराम ठाकुर अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य था और कई आपराधिक मामलों में वांछित था। दो दिन पहले उसने ब्रह्म यादव (मदन स्वीट्स) से 50 लाख और एक लोहा कारोबारी से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद वेव सिटी थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया।
शनिवार शाम को सूचना मिली कि बलराम वेव सिटी के अंडरपास क्षेत्र में मौजूद है। पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन बलराम ने भागने की कोशिश की और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें बलराम गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित किया गया।
बलराम ठाकुर का आपराधिक इतिहास
- गैंग संबद्धता: अनिल दुजाना गैंग का प्रमुख सदस्य।
- मामले: हत्या, लूट, रंगदारी और अपहरण के 10+ मामले दर्ज।
- इनाम: 50,000 रुपये का इनामी बदमाश।
- क्षेत्र: गाजियाबाद, मेरठ और दिल्ली-NCR में सक्रिय।
पुलिस ने मौके से एक पिस्तौल, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की। बलराम के अन्य साथियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
पुलिस कमिश्नर का बयान: अपराध पर जीरो टॉलरेंस
पुलिस कमिश्नर जे. रवींद्र गौड़ ने कहा, “गाजियाबाद पुलिस अपराधियों और रंगदारी करने वालों के खिलाफ सख्त है। बलराम ठाकुर जैसे बदमाश समाज के लिए खतरा थे। हमारी टीमें लगातार अपराध नियंत्रण के लिए काम कर रही हैं।” उन्होंने जनता से अपील की कि रंगदारी या धमकी की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
गौड़ ने बताया कि गाजियाबाद में 2024 में रंगदारी के 150+ मामले दर्ज हुए (NCRB डेटा), और पुलिस ने 80% मामलों में कार्रवाई की है। इस मुठभेड़ से कारोबारियों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ेगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया: कारोबारियों में राहत
मदन स्वीट्स के मालिक ब्रह्म यादव ने कहा, “बलराम की धमकी से डर था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर हमारी रक्षा की।” स्थानीय कारोबारी संगठनों ने भी इस मुठभेड़ की सराहना की और पुलिस से इसी तरह की सख्ती की मांग की।
रंगदारी का बढ़ता खतरा: NCR में चुनौती
NCRB 2024 के अनुसार, दिल्ली-NCR में रंगदारी के मामले 20% बढ़े हैं। अनिल दुजाना गैंग जैसे संगठन कारोबारियों को निशाना बनाते हैं। गाजियाबाद पुलिस ने ड्रोन सर्विलांस और साइबर ट्रैकिंग से अपराध नियंत्रण तेज किया है। यह मुठभेड़ इस दिशा में एक कदम है।