नई दिल्ली, मुकेश शर्मा (वेब वार्ता)। आज, 17 सितंबर 2025 को भारत अपने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का 75वां जन्मदिवस उत्साह और गर्व के साथ मना रहा है। यह अवसर केवल एक व्यक्तित्व का उत्सव नहीं, बल्कि एक ऐसे नेतृत्व का सम्मान है, जिसने भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और सनातन संस्कृति को पुनर्जागरण का नया स्वरूप प्रदान किया। अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में, मोदी जी ने सनातन धर्म के मूल्यों को न केवल संरक्षित किया, बल्कि उन्हें आधुनिक भारत की प्रगति के साथ जोड़कर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। सेवा पखवाड़ा, रक्तदान शिविर, और विकास परियोजनाओं के साथ यह जन्मदिवस सनातन संस्कृति के गौरव का प्रतीक बन गया है।
सनातन संस्कृति का पुनर्जनन: मोदी जी का योगदान
सनातन संस्कृति, जो सहिष्णुता, समन्वय, और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाने में प्रधानमंत्री मोदी का योगदान अभूतपूर्व रहा है। उनके नेतृत्व में सनातन धर्म के तीर्थस्थलों को नई पहचान मिली:
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: वाराणसी में इस भव्य कॉरिडोर के निर्माण ने काशी को एक वैश्विक सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र बनाया। यह परियोजना न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रही है।
श्रीराम मंदिर, अयोध्या: सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद, 2024 में राम मंदिर का उद्घाटन सनातनियों के लिए आस्था और एकता का प्रतीक बना। यह भारत की सांस्कृतिक एकता का ऐतिहासिक क्षण था।
महाकाल कॉरिडोर, उज्जैन: इस परियोजना ने उज्जैन को आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया, जो सनातन संस्कृति की भव्यता को दर्शाता है।
केदारनाथ और बद्रीनाथ पुनर्विकास: हिमालयी तीर्थस्थलों के पुनर्निर्माण ने इन्हें विश्व स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनाया।
योग और आयुर्वेद का वैश्विक प्रचार
प्रधानमंत्री मोदी ने योग और आयुर्वेद को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। 2014 में उनके प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी। आज, योग एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, जिसमें 177 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं। आयुष मंत्रालय के तहत आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया गया, जिसने भारत को वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी बनाया। हाल ही में, विश्व आयुर्वेद कांग्रेस 2024 में 50 से अधिक देशों ने भाग लिया, जो सनातन चिकित्सा पद्धति की स्वीकार्यता को दर्शाता है।
सनातन मूल्यों का समन्वय: नीतियां और दर्शन
मोदी जी का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ सनातन संस्कृति के समावेशी दर्शन को प्रतिबिंबित करता है। उनकी नीतियां सनातन मूल्यों से प्रेरित हैं:
स्वच्छ भारत अभियान: यह अभियान सनातन धर्म के ‘पवित्रता’ और ‘शुद्धता’ के सिद्धांत को मजबूत करता है। 2014 से अब तक 12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ।
आत्मनिर्भर भारत: यह दृष्टिकोण सनातन संस्कृति के स्वावलंबन और आत्मसम्मान से प्रेरित है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ ने स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त किया।
उज्ज्वला योजना: 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देकर महिलाओं को सशक्त किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: यह अभियान सनातन धर्म के नारी सम्मान और समानता के सिद्धांत को बढ़ावा देता है।
जन धन योजना: 50 करोड़ से अधिक बैंक खातों ने वंचित वर्गों को आर्थिक मुख्यधारा में शामिल किया।
वैश्विक मंच पर सनातन संस्कृति
मोदी जी ने सनातन दर्शन को वैश्विक कल्याण का आधार बनाया। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (विश्व एक परिवार है) के सिद्धांत को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, जी-20, और ब्रिक्स जैसे मंचों पर प्रचारित किया। 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय संस्कृति की झलक विश्व नेताओं को दिखाई गई, जिसमें योग, आयुर्वेद, और सनातन कला को प्रदर्शित किया गया। उनकी विदेश नीति में शांति, सहयोग, और पर्यावरण संरक्षण जैसे सनातन मूल्यों को प्रमुखता दी गई है।
75वां जन्मदिवस: सेवा पखवाड़ा और विशेष आयोजन
2025 में मोदी जी का 75वां जन्मदिवस सेवा पखवाड़ा (17 सितंबर से 2 अक्टूबर) के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान:
75,000 स्वास्थ्य शिविर और 101 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू किए गए।
150 डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ।
मध्य प्रदेश के धार जिले में ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’ और राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत।
75 नमो युवा रन में 10,000-15,000 युवा शामिल हुए।
बिहार में ‘चलो जीते हैं’ फिल्म का प्रदर्शन, जो मोदी जी के बचपन पर आधारित है।
ओडिशा में 75 लाख पौधरोपण की पहल।
दिल्ली में 75 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन।
पिछले वर्षों में भी जन्मदिवस पर सेवा और विकास पर जोर रहा:
2024: ओडिशा में सुभद्रा योजना और 3,800 करोड़ रुपये की रेलवे-राजमार्ग परियोजनाएं।
2023: पीएम विश्वकर्मा योजना और दिल्ली में IICC का उद्घाटन।
2022: 1 लाख से अधिक रक्तदान के साथ विश्व रिकॉर्ड।
2021: 2.5 करोड़ कोविड वैक्सीन खुराकें।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नरेंद्र मोदी का जन्म गुजरात के वडनगर में एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता दामोदरदास मोदी और माता हीराबेन मोदी थे। बचपन में उन्होंने चाय बेचकर परिवार की मदद की। स्कूल में वे वाद-विवाद में उत्कृष्ट थे। 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की। युवावस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में उन्होंने उत्तर भारत का भ्रमण किया।
सनातन संस्कृति के सच्चे संवाहक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिवस भारत की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक प्रगति के बीच संतुलन का प्रतीक है। काशी, अयोध्या, और उज्जैन जैसे तीर्थस्थलों का पुनरुद्धार, योग और आयुर्वेद का वैश्विक प्रचार, और समावेशी नीतियां उनके सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं। विकसित भारत 2047 के उनके दृष्टिकोण में सनातन मूल्यों की आत्मा समाहित है। देशवासियों की ओर से आदरणीय मोदी जी को हार्दिक शुभकामनाएं!