Tuesday, November 18, 2025
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सोनीपत में वर्क फ्रॉम होम का लालच देकर 13.59 लाख की ठगी, पांच आरोपी गिरफ्तार

सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। सोनीपत की साइबर क्राइम पुलिस ने वर्क फ्रॉम होम और टास्क पूर्ण करने के लालच में एक युवक से 13,59,560 रुपये की ठगी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई साइबर थाना प्रबंधक निरीक्षक बंसत और उनकी टीम ने पुलिस आयुक्त ममता सिंह के नेतृत्व में की। गिरफ्तार आरोपियों से 9,300 रुपये और ठगी में इस्तेमाल तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने जनता से साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बरतने की अपील की है।

गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी

पुलिस ने निम्नलिखित पांच आरोपियों को राजस्थान और गुजरात से गिरफ्तार किया:

  • प्रधान सारण, पुत्र उमाराम सारण, जिला जोधपुर, राजस्थान

  • रवि, पुत्र खेताराम, जिला जोधपुर, राजस्थान

  • जितेंद्र उर्फ जीतू, पुत्र चिमनाराम, जिला जोधपुर, राजस्थान

  • जेकनभाई पातलिया, पुत्र बाबुभाई पातलिया, जिला बनासकांठा, गुजरात

  • हितेश उर्फ हीरालाल, पुत्र सुखराम, जिला जालौर, राजस्थान

गिरफ्तार सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

ठगी का मामला: पीड़ित की शिकायत

सोनीपत के गांव पवसरा निवासी सन्नी, पुत्र रामनिवास, ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें AJIO GROUP के नाम से एक मैसेज प्राप्त हुआ। मैसेज में वर्क फ्रॉम होम और गूगल टास्क के जरिए पैसे कमाने का लालच दिया गया। सन्नी को एक टेलीग्राम लिंक भेजकर ग्रुप जॉइन करने को कहा गया, जहां उन्हें गूगल टास्क के 25 प्रश्न पूरे करने पर 606 रुपये देने का वादा किया गया।

पहले टास्क में सन्नी ने 8,700 रुपये जमा किए, जिसके बदले उन्हें 6,932 रुपये वापस मिले। इसके बाद, आरोपियों ने प्रीपेड टास्क के लिए और पैसे जमा करने को कहा। सन्नी ने बताया:

  • दूसरे टास्क में 10,962 रुपये जमा किए, जिसके बदले 28,075 रुपये का वादा किया गया।

  • एक ऑफर के तहत 1,00,000 रुपये जमा करवाए गए, जिसमें दोगुना लाभ का लालच दिया गया।

  • टास्क में नकारात्मक बैलेंस दिखाने पर 1,67,710 रुपये और जमा करवाए गए, जिसमें 1,00,000 रुपये, 50,000 रुपये, और 17,710 रुपये अलग-अलग किश्तों में शामिल थे।

31 मई से 6 जून 2025 तक सन्नी से विभिन्न खातों में कुल 13,59,560 रुपये ठग लिए गए। जब आरोपियों ने पैसे वापस करने से इनकार किया, तो सन्नी को ठगी का अहसास हुआ। जांच में पता चला कि ठगी के लिए फर्जी वेबसाइट और फर्जी कागजातों के आधार पर खोले गए बैंक खातों का उपयोग किया गया।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस आयुक्त ममता सिंह के नेतृत्व में, पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी और साइबर) कुशल पाल सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त राजदीप मोर के मार्गदर्शन में साइबर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। साइबर थाना प्रबंधक निरीक्षक बंसत की टीम, जिसमें सहायक उप-निरीक्षक नवीन, नवदीप, नरेंद्र, मुख्य सिपाही प्रदीप, और सिपाही विकास शामिल थे, ने राजस्थान और गुजरात में छापेमारी कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने ठगी की रकम में से 9,300 रुपये और तीन मोबाइल फोन बरामद किए। मामले की जांच जारी है, और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।

साइबर ठगी से बचाव: पुलिस की सलाह

पुलिस उपायुक्त कुशल पाल सिंह ने जनता से साइबर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए:

  • अनजान कॉल और लिंक से बचें: अनजान नंबरों से आए कॉल, मैसेज, या लिंक पर क्लिक न करें।

  • विश्वसनीय वेबसाइट्स का उपयोग: केवल प्रमाणित और सुरक्षित वेबसाइट्स या ऐप्स का इस्तेमाल करें।

  • लालच में न आएं: उच्च लाभ या आसान कमाई के लालच से बचें।

  • तुरंत शिकायत करें: साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।

निष्कर्ष: साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता जरूरी

यह घटना साइबर अपराधियों द्वारा वर्क फ्रॉम होम जैसे आकर्षक ऑफर का दुरुपयोग दर्शाती है। सोनीपत पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने पांच आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, लेकिन यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। जिला प्रशासन और पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत शिकायत करने की अपील की है।

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