मुंबई/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसके बाद कंगना को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी। यह मामला 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान महिंदर कौर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। कंगना पर आरोप है कि उन्होंने अपने रीट्वीट में महिंदर कौर को गलत तरीके से शाहीन बाग की बिलकिस बानो बताकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया।
क्या है पूरा मामला?
2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने एक रीट्वीट में पंजाब की महिला किसान महिंदर कौर की तस्वीर शेयर की थी और लिखा था, “यह वही बिलकिस बानो दादी है जो शाहीन बाग प्रदर्शन का हिस्सा थी।” इस टिप्पणी को महिंदर कौर ने अपमानजनक और मानहानिकारक बताया और कंगना के खिलाफ चंडीगढ़ में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया।
कंगना ने इस शिकायत को रद्द करने के लिए पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन 1 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कंगना एक सेलिब्रिटी हैं और उनके रीट्वीट में लगाए गए “झूठे और मानहानिकारक आरोपों” ने महिंदर कौर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता का अपनी गरिमा की रक्षा के लिए मुकदमा दायर करना दुर्भावनापूर्ण नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कंगना की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वे कंगना के ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि इससे निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर असर पड़ सकता है। बेंच ने कहा, “यह सिर्फ एक साधारण रीट्वीट नहीं था, इसमें आपकी टिप्पणी भी शामिल थी।”
इसके बाद कंगना के वकील ने याचिका वापस लेने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कंगना को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि अब मामला निचली अदालत में ट्रायल के लिए आगे बढ़ेगा।
कंगना का विवादों से पुराना नाता
कंगना रनौत अपने बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से अक्सर विवादों में रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान उनके कई ट्वीट्स ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इस मामले में महिंदर कौर ने दावा किया कि कंगना की टिप्पणी ने न केवल उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई, बल्कि उनकी व्यक्तिगत गरिमा को भी चोट पहुंची।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इस बात पर जोर दिया कि एक सार्वजनिक हस्ती होने के नाते कंगना की जिम्मेदारी थी कि वे अपने बयानों में सावधानी बरतें। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिंदर कौर का शिकायत दर्ज करना उनके कानूनी अधिकारों का उपयोग है।
आगे क्या?
सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब यह मामला निचली अदालत में ट्रायल के लिए जाएगा। कंगना के खिलाफ मानहानि का यह केस उनके लिए कानूनी और सार्वजनिक छवि दोनों मोर्चों पर चुनौती बन सकता है। उनके वकील ने कहा कि वे निचली अदालत में मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। दूसरी ओर, महिंदर कौर और उनके समर्थकों का कहना है कि यह केस सामान्य लोगों की गरिमा की रक्षा का प्रतीक है।
निष्कर्ष: कंगना के लिए बढ़ी मुश्किलें
कंगना रनौत के लिए यह मानहानि मामला न केवल कानूनी, बल्कि उनकी सार्वजनिक छवि के लिए भी एक बड़ा झटका है। सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार करना और याचिका वापसी इस बात का संकेत है कि कंगना को अब निचली अदालत में इस मामले का सामना करना होगा। यह केस एक बार फिर सेलिब्रिटीज की सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी और उनके बयानों के प्रभाव को लेकर चर्चा को हवा देगा।