हमीरपुर, (वेब वार्ता)। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ककडियार में ऑनलाइन कक्षा के दौरान अश्लील वीडियो प्रसारित होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस शर्मनाक घटना ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया है। एक छात्रा की माता ने इस मामले की शिकायत स्कूल प्रशासन और पुलिस से की है, लेकिन स्कूल प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगा है। अब दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस मामले की गहन जांच कर रही है।
ऑनलाइन कक्षा में अश्लील वीडियो से हड़कंप
जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के कारण स्कूलों में छुट्टियों के चलते 4 सितंबर 2025 को स्कूल प्रशासन ने ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू किया था। सुबह करीब 10:30 बजे एक शिक्षिका राजनीतिक शास्त्र की ऑनलाइन कक्षा ले रही थीं। इसी दौरान 11:15 बजे कक्षा में शामिल एक छात्र ने अचानक अश्लील वीडियो प्रसारित कर दिया। इस घटना से ऑनलाइन कक्षा में मौजूद छात्र-छात्राओं में हड़कंप मच गया। एक छात्रा ने तुरंत कक्षा छोड़ दी और इसकी जानकारी अपने परिवार को दी।
छात्रा की माता ने तुरंत स्कूल के प्रधानाचार्य और संबंधित शिक्षिका को शिकायत दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षिका ने कथित तौर पर मामले को न बढ़ाने की सलाह दी। मौखिक शिकायत के बाद भी स्कूल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद माता ने लिखित शिकायत पुलिस को सौंपी।
स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
शिकायत के बाद स्कूल प्रशासन ने मामले को पुलिस को फॉरवर्ड कर दिया, लेकिन अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन शुरू में इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहा था। माता का कहना है कि शरारती छात्र की पहचान और कार्रवाई में देरी की गई, जिससे अभिभावकों में नाराजगी है। इस घटना ने ऑनलाइन कक्षाओं की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस और साइबर सेल की जांच शुरू
शिक्षा उपनिदेशक मोहीम चौहान ने बताया कि इस मामले की शिकायत साइबर सेल को दी गई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें ऑनलाइन कक्षा ले रही शिक्षिका और उस समय कक्षा में मौजूद सभी छात्रों से पूछताछ की जाएगी। साइबर सेल इस बात की जांच कर रही है कि वीडियो किसने और कैसे प्रसारित किया, और क्या यह जानबूझकर किया गया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डिजिटल साक्ष्यों की तलाश शुरू कर दी है।
ऑनलाइन कक्षाओं की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना ऑनलाइन शिक्षा की सुरक्षा और प्रोटोकॉल की कमियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन कक्षाओं में अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए पासवर्ड प्रोटेक्शन, वेटिंग रूम फीचर, और मॉडरेटर कंट्रोल जैसे उपायों का सख्ती से पालन जरूरी है। इस घटना ने शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासनों के लिए एक बड़ा सबक दिया है।
अभिभावकों में गुस्सा, शिक्षा विभाग की चुप्पी
इस घटना ने अभिभावकों में भारी रोष पैदा किया है। कई अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि दोषी छात्र की तुरंत पहचान हो और कड़ी कार्रवाई की जाए। शिक्षा विभाग ने इस मामले को साइबर सेल को सौंपकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करने की कोशिश की है, लेकिन अभिभावक स्कूल प्रशासन से ठोस जवाब की उम्मीद कर रहे हैं।
क्या होगा अगला कदम?
यह मामला न केवल स्कूल प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाता है, बल्कि ऑनलाइन शिक्षा की सुरक्षा और निगरानी के लिए नए दिशानिर्देशों की जरूरत को भी रेखांकित करता है। क्या साइबर सेल इस मामले में दोषी की पहचान कर पाएगी? यह जांच का विषय है।