Friday, December 26, 2025
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गोरखनाथ मंदिर में पुण्यतिथि समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महंत दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ को दी श्रद्धांजलि

गोरखपुर, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने 11 सितंबर 2025 को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित पुण्यतिथि समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 56वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 11वीं साप्ताहिक पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह समारोह गोरक्षपीठ की समृद्ध परंपरा और दोनों महान संतों के योगदान को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।

महंत दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ के योगदान को किया याद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में दोनों संतों के राष्ट्र, समाज, और धर्म के लिए किए गए अद्वितीय योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा, “महंत दिग्विजयनाथ जी और महंत अवेद्यनाथ जी ने गोरक्षपीठ की परंपरा को नई दिशा प्रदान की। उनके मार्गदर्शन और तपस्या ने भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से न केवल गोरखपुर, बल्कि पूरे पूर्वांचल में सामाजिक जागरण और धार्मिक चेतना का वातावरण बना।”

उन्होंने आगे कहा, “गोरक्षपीठ हमेशा से राष्ट्रवाद, सेवा, और सामाजिक समरसता का केंद्र रही है। महंत दिग्विजयनाथ जी और महंत अवेद्यनाथ जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके बताए मार्ग पर चलना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

भजन-कीर्तन और भोजन वितरण का आयोजन

पुण्यतिथि समारोह के दौरान गोरखनाथ मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, संत प्रवचन, और गरीबों को भोजन वितरण का आयोजन किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, संत-महात्मा, और जनप्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने दोनों महापुरुषों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। मंदिर परिसर में आयोजित भजन-कीर्तन ने वातावरण को भक्ति और श्रद्धा से सराबोर कर दिया।

गोरक्षपीठ की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत

गोरक्षपीठ उत्तर प्रदेश और भारत में सामाजिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखता है। महंत दिग्विजयनाथ जी और महंत अवेद्यनाथ जी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जिनका लाभ आज भी समाज को मिल रहा है। गोरखनाथ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सामाजिक समरसता और सेवा का प्रतीक भी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो स्वयं गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, ने इस अवसर पर गोरक्षपीठ की परंपराओं को आगे बढ़ाने और समाज सेवा के कार्यों को गति देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ का हर कार्य राष्ट्र और समाज के कल्याण के लिए समर्पित है।

समारोह में भारी जनसैलाब

पुण्यतिथि समारोह में गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। संतों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस अवसर पर दोनों महापुरुषों के योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। यह आयोजन गोरक्षपीठ के ऐतिहासिक महत्व और सामाजिक प्रभाव को और अधिक रेखांकित करता है।

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