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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 5 आतंकियों को गिरफ्तार कर नाकाम की बड़ी साजिश

नई दिल्ली, रिज़वान खान (वेब वार्ता)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पांच आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़े आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। यह ऑपरेशन दिल्ली, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, और महाराष्ट्र में एक साथ चलाया गया, जिसमें एक पाकिस्तान समर्थित पैन-इंडिया टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ। गिरोह का सरगना आशर दानिश, जिसका कोड नाम ‘सीईओ’ था, को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया गया।

आतंकियों की गिरफ्तारी और बरामद सामग्री

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 11 सितंबर 2025 को एक समन्वित ऑपरेशन में पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनमें से दो आतंकी, आफताब कुरैशी (25) और सूफियान अबुबकर खान (20), जो मुंबई के निवासी हैं, को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा गया। अन्य तीन आतंकियों में आशर दानिश (23, झारखंड), कमरान कुरैशी उर्फ समर खान (26, राजगढ़, मध्य प्रदेश), और हुजैफ यमन (20, निजामाबाद, तेलंगाना) शामिल हैं।

पुलिस ने इनके कब्जे से दो सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, 15 जिंदा कारतूस, एक देसी पिस्तौल, एक एयर गन, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट, सल्फर पाउडर, कॉपर शीट्स, बॉल बेयरिंग्स, सर्किट बोर्ड, तार, लैपटॉप, मोबाइल फोन, और नकदी बरामद की। ये सामग्री इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने और हथियारों के निर्माण में इस्तेमाल होने की आशंका है।

गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल और पाकिस्तानी हैंडलर

जांच में पता चला कि यह आतंकी मॉड्यूल ‘गजवा-ए-हिंद’ के तहत भारत में ‘खिलाफत’ स्थापित करने की साजिश रच रहा था। इस मॉड्यूल का नेतृत्व आशर दानिश कर रहा था, जो ‘सीईओ’, ‘गजबा’, और ‘प्रोफेसर’ जैसे कोड नामों से जाना जाता था। दानिश एक अंग्रेजी में स्नातकोत्तर है और रांची में तबरक लॉज में छिपा हुआ था। वह पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के साथ व्हाट्सएप, टेलीग्राम, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क में था।

पुलिस के अनुसार, यह मॉड्यूल आईएसआईएस-प्रेरित था और पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देशों पर काम कर रहा था। यह समूह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, भर्ती करने, और सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा था। दानिश ने अपने सहयोगियों को हथियार बनाने और आईईडी तैयार करने की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी थी।

ऑपरेशन का विवरण

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस ऑपरेशन को छह महीने की निगरानी के बाद अंजाम दिया। सूचना के आधार पर मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को दिल्ली में आफताब और सूफियान को पकड़ा गया, जो मेवात से हथियार लेने आए थे। इसके बाद बुधवार को रांची, राजगढ़, निजामाबाद, और थाणे में छापेमारी कर अन्य तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और मध्य प्रदेश में 12 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। बरामद डिजिटल उपकरणों को फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है, और संदिग्धों से पूछताछ जारी है ताकि उनके नेटवर्क, फंडिंग, और संभावित लक्ष्यों का पता लगाया जा सके।

आतंकी साजिश का उद्देश्य

पुलिस के अनुसार, यह मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में विस्फोट और लक्षित हत्याओं की योजना बना रहा था। यह समूह भारत में ‘खिलाफत’ स्थापित करने के लिए जमीन खरीदने और गुप्त प्रशिक्षण सुविधाएँ स्थापित करने की योजना बना रहा था।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) प्रणव तायल ने बताया कि इस ऑपरेशन ने एक बड़े आतंकी हमले को रोकने में सफलता हासिल की है। केंद्रीय एजेंसियाँ और राज्य पुलिस के सहयोग से यह ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस ने धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने, अवैध हथियार रखने, और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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