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कुशीनगर में DM की सख्ती: आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर होगी कार्रवाई, मत्स्य अधिकारी का वेतन रोका!

कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी। खासकर, मत्स्य अधिकारी के खराब प्रदर्शन पर उनका वेतन रोकने और शासन को पत्र लिखने का आदेश दिया गया।

डीएम की अधिकारियों को फटकार: “तैयारी के साथ आएं, लापरवाही बर्दाश्त नहीं”

जिलाधिकारी ने आईजीआरएस शिकायतों की समीक्षा करते हुए कहा कि पिछले महीने की तुलना में निस्तारण में सुधार हुआ है, लेकिन जिले की रैंकिंग अभी भी खराब है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि स्थलीय निरीक्षण के साथ पारदर्शिता और गुणवत्ता पर ध्यान दें ताकि जिले की रैंकिंग में सुधार हो। डीएम ने कहा, “आगामी बैठकों में सभी अधिकारी शिकायतों का पूरा विवरण लेकर आएं। शिकायतकर्ता का पक्ष सुनें और निस्तारण के बाद उन्हें परिणाम से अवगत कराएं।”

“मुख्यमंत्री जी शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि के प्रति बेहद गंभीर हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
– जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर

मत्स्य अधिकारी पर गिरी गाज, अन्य विभागों को चेतावनी

बैठक में डीएम ने विभिन्न विभागों के निस्तारण और फीडबैक की स्थिति की गहन समीक्षा की। मत्स्य विभाग के 7 मामलों में सभी फीडबैक असंतुष्ट पाए गए। मत्स्य अधिकारी द्वारा कोई स्पष्टीकरण न देने पर डीएम ने उनका वेतन रोकने और शासन को पत्र लिखने का निर्देश अपर जिलाधिकारी को दिया।

अन्य विभागों की स्थिति भी चिंताजनक रही:

  • ईओ दुदही: 10 में से 7 मामले असंतुष्ट।

  • सीएमओ: 98 में से 66 मामले असंतुष्ट।

  • उपायुक्त उद्योग: 17 में से 10 मामले असंतुष्ट।

  • डीडीओ: 208 में से 120 मामले असंतुष्ट।

  • ईओ पडरौना: 6 मामले असंतुष्ट।

डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे न केवल आईजीआरएस शिकायतों बल्कि रोजाना प्राप्त होने वाले आवेदनों को भी इसमें शामिल करें और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें।

शिकायत निस्तारण में पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर

जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि शिकायतों का निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा, “आईजीआरएस पोर्टल पर निस्तारण की रिपोर्ट समय पर अपलोड करें। प्रत्येक शिकायत के निस्तारण में शिकायतकर्ता से बातचीत करें और उनकी संतुष्टि सुनिश्चित करें।” डीएम ने यह भी बताया कि आईजीआरएस का पैरामीटर बदल गया है, और अब असंतुष्ट फीडबैक वाले मामलों को विशेष ध्यान देकर सही करना होगा।

स्थलीय निरीक्षण और फीडबैक की जांच

डीएम ने अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण करने और शिकायतकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निस्तारण की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतें और शिकायतकर्ता को निस्तारण के परिणाम से अवगत कराएं। “अधिकारी स्वयं फीडबैक की रिपोर्ट देखें और कमियों को सुधारें।”

बैठक में उपस्थित अधिकारी

बैठक में अपर जिलाधिकारी वैभव मिश्रा, नवागत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्र प्रकाश, उपायुक्त उद्योग अभय कुमार सुमन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामजियावन मौर्य, डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी, उप कृषि निदेशक अतिंद्र सहित अन्य जनपदीय अधिकारी और सभी ईओ उपस्थित रहे।

कुशीनगर की रैंकिंग सुधारने की चुनौती

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कुशीनगर की रैंकिंग को सुधारने के लिए सभी विभागों को एकजुट होकर काम करना होगा। यह बैठक प्रशासन की जवाबदेही और जनता की शिकायतों के प्रति गंभीरता को दर्शाती है। क्या कुशीनगर इस दिशा में नई मिसाल कायम करेगा?

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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