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प्रदेश को जो उम्मीदें प्रधानमंत्री से थीं, वह सब धरी की धरी रहीं: प्रतिभा सिंह

शिमला, (वेब वार्ता)। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के हिमाचल प्रदेश दौरे और आपदा राहत सहायता की घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को प्रधानमंत्री से जो उम्मीदें थीं, वे पूरी तरह से धरी की धरी रह गईं।

आपदा से नुकसान और अपर्याप्त राहत

प्रतिभा सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हाल की प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भारी बारिश, बाढ़, और भूस्खलन, के कारण 5000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके बावजूद, केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये की राहत राशि को उन्होंने अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर बताते हैं, लेकिन इस घर की मदद के लिए 1500 करोड़ रुपये की सहायता नाकाफी है। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए और अधिक आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।”

केंद्र सरकार से विशेष सहायता की मांग

प्रतिभा सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे हिमाचल प्रदेश सरकार की मांगों के अनुरूप विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से किया है, लेकिन केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के कारण यहाँ निर्माण कार्यों की लागत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। इसलिए, नीति आयोग को पहाड़ी राज्यों के लिए अलग मापदंड निर्धारित करने चाहिए, जैसा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी मांग की है।

पूर्व में भी उठ चुकी है आवाज

प्रतिभा सिंह ने पहले भी केंद्र सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाए थे। अप्रैल 2024 में उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने 2023 की आपदा के दौरान कोई विशेष आर्थिक सहायता नहीं दी, जबकि उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री से मिलकर राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा:

“प्रधानमंत्री ने आश्वासन तो दिया, लेकिन प्रदेश को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।”

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान की, सड़क, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाएँ बहाल कीं, लेकिन केंद्र से अपेक्षित सहयोग की कमी रही।

आपदा प्रबंधन में राज्य सरकार की सक्रियता

प्रतिभा सिंह ने हिमाचल प्रदेश सरकार की सक्रियता की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके मंत्रिमंडल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर कार्य किया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), और अन्य संगठनों के साथ मिलकर राहत कार्यों को तेजी से अंजाम दिया गया।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने 890 करोड़ रुपये की एक परियोजना के लिए फ्रांस विकास एजेंसी के साथ समझौता किया है, जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन और जलवायु जोखिम न्यूनीकरण को मजबूत करना है। इसमें 48 स्वचालित मौसम केंद्रों की स्थापना शामिल है, जो भूस्खलन, बाढ़, और बादल फटने जैसी आपदाओं की पूर्व चेतावनी दे सकेंगे।

केंद्र पर राजनीतिक आरोप

प्रतिभा सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर राजनीतिक द्वेष के चलते हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की आलोचना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने शासनकाल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज और 15,000 करोड़ रुपये की देनदारियों के बोझ तले दबा दिया। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत है।

उन्होंने बीजेपी नेताओं से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार से हिमाचल की मांगों को पूरा करने की पैरवी करें, न कि केवल आलोचना करें।

निष्कर्ष

प्रतिभा सिंह की यह टिप्पणी हिमाचल प्रदेश में आपदा राहत और पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार से और अधिक सहायता की मांग को रेखांकित करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे हिमाचल को अपने “दूसरे घर” की तरह विशेष प्राथमिकता दें और आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान करें। यह मुद्दा न केवल हिमाचल की जनता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह केंद्र-राज्य संबंधों और आपदा प्रबंधन नीतियों पर भी सवाल उठाता है।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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