वाराणसी, अजय कुमार (वेब वार्ता)। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज 11 सितंबर 2025 को एक दिवसीय यात्रा पर काशी (वाराणसी) आएंगे। इसके बाद, वे 12 सितंबर से बिहार में 45 दिवसीय गौमतदाता संकल्प यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा गौ संरक्षण और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के संकल्प को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही है।
काशी में एक दिवसीय प्रवास
मुंबई में चातुर्मास व्रत अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में ब्रह्मलीन द्वयपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के समाराधना महोत्सव में हिस्सा लिया। वहाँ से परमहंसी गंगा आश्रम होते हुए वे काशी आ रहे हैं।
शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि काशी में अल्प प्रवास के दौरान शंकराचार्य जी विभिन्न धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेंगे। इसके बाद, वे बिहार के लिए प्रस्थान करेंगे।
संजय पाण्डेय, मीडिया प्रभारी:
“शंकराचार्य जी महाराज काशी में एक दिन के प्रवास के बाद 12 सितंबर से बिहार में गौमाता दाता संकल्प यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा सनातन धर्मियों को गौ संरक्षण के प्रति जागरूक करने और गौभक्त प्रत्याशियों को समर्थन देने के लिए प्रेरित करेगी।”
गौमतदाता संकल्प यात्रा: उद्देश्य और महत्व
बिहार में शुरू होने वाली 45 दिवसीय गौमतदाता संकल्प यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्मियों को गौ संरक्षण के प्रति जागरूक करना और उन्हें गौभक्त प्रत्याशियों को वोट देने के लिए प्रेरित करना है। शंकराचार्य जी महाराज बिहार के हर जिले और गाँव में जाकर लोगों से संवाद करेंगे। वे मतदाताओं को यह समझाएंगे कि गौकशी को समर्थन देने वाले प्रत्याशी या दल को वोट देने से गौकशी के पाप का भागीदार मतदाता भी बनता है।
उन्होंने कहा,
“ऐसे प्रत्याशी को वोट दें जो गौकशी बंद करवाने और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए कृतसंकल्प हो। गौकशी के पाप से बचने के लिए गौभक्त प्रत्याशी का समर्थन करें।”
शंकराचार्य जी की यह यात्रा गौ संरक्षण के साथ-साथ सनातन धर्म के मूल्यों को मजबूत करने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बिहार में उत्साह और स्वागत की तैयारियाँ
शंकराचार्य जी की गौमाता दाता संकल्प यात्रा को लेकर बिहार के लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने उनके स्वागत और यात्रा में भागीदारी के लिए व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। बिहार के गाँवों और शहरों में लोग इस यात्रा से जुड़ने और गौ संरक्षण के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं।
गौ संरक्षण के प्रति शंकराचार्य जी की प्रतिबद्धता
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज लंबे समय से गौ संरक्षण के लिए सक्रिय हैं। इससे पहले, उन्होंने गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा का नेतृत्व किया था, जिसमें गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने और गौकशी पर पूर्ण प्रतिबंध की माँग की गई थी। उनकी यह यात्रा भी उसी संकल्प का हिस्सा है, जिसके तहत वे केंद्र सरकार को गौकशी पर रोक लगाने और गौमाता को राष्ट्रीय सम्मान देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
निष्कर्ष
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का काशी आगमन और बिहार में गौमतदाता संकल्प यात्रा सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणादायी अवसर है। यह यात्रा न केवल गौ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि समाज में सनातन मूल्यों को भी मजबूत करेगी। बिहारवासियों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि शंकराचार्य जी के नेतृत्व में यह अभियान व्यापक प्रभाव डालेगा।