देवरिया, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के खामपार थाना क्षेत्र के भिंगारी बाजार टोला बंधी बारी में रविवार को एक नवविवाहिता रोमा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के बाद छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतका के पिता संजय सिंह की तहरीर के आधार पर यह कार्रवाई मंगलवार को की गई।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, रोमा की मृत्यु रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। सोमवार रात 8 बजे जब शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा, तो मायके वालों ने दाह संस्कार से इनकार कर दिया। थानाध्यक्ष खामपार दिग्विजय सिंह के समझाने और निष्पक्ष कार्रवाई के आश्वासन के बाद, लगभग तीन घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।
मृतका के पिता संजय सिंह, जो बिहार के सिवान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के भगवानपुर के निवासी हैं, ने बताया:
“मेरी बेटी रोमा की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। उसके गले पर चोट के निशान थे। ससुराल वालों ने हमें बताया कि वह बीमार थी और उसका इलाज चल रहा था, लेकिन घर पहुंचने पर पता चला कि उसकी मृत्यु हो चुकी है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रोमा की शादी मृत्युंजय (पुत्र क्रांति) के साथ दो वर्ष पहले हुई थी, और उसके साथ पहले भी मारपीट की घटनाएं हो चुकी थीं।
ससुराल पक्ष का दावा
ससुराल पक्ष का कहना है कि रोमा की मृत्यु बीमारी के कारण हुई। हालांकि, पिता संजय सिंह ने इस दावे को खारिज करते हुए दहेज हत्या का आरोप लगाया और निष्पक्ष जांच की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई
थानाध्यक्ष खामपार दिग्विजय सिंह ने कहा:
“मृतका के पिता की तहरीर के आधार पर छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु के कारणों का पता चलेगा। ससुराल पक्ष से पूछताछ जारी है।”
पुलिस ने भादवि की धारा 304बी (दहेज हत्या) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दहेज हत्या: एक सामाजिक चिंता
यह घटना दहेज प्रथा के खिलाफ चल रही कानूनी और सामाजिक जंग को फिर से रेखांकित करती है। उत्तर प्रदेश में दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। संजय सिंह ने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
निष्कर्ष
देवरिया में रोमा की संदिग्ध मृत्यु ने एक बार फिर दहेज प्रथा के दुष्परिणामों को उजागर किया है। पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस मामले में सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। यह घटना समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि दहेज उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।