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शिवराज सिंह चौहान का बयान: भारतीय किसानों के हित सर्वोपरि, अमेरिका से कोई समझौता नहीं

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी, खासकर अमेरिका के साथ किसी भी व्यापारिक समझौते में। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा किसानों को प्राथमिकता दी है और उनकी आजीविका की रक्षा को सर्वोपरि रखा है। साथ ही, चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह हर मुद्दे में बाहरी प्रभाव ढूंढती है और राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने की कोशिश करती है।

किसानों के हितों की रक्षा: अमेरिका के दबाव को खारिज

चौहान ने कहा कि अमेरिका भारत से अपने कृषि उत्पादों, जैसे मक्का, सोयाबीन, और पशु चारा, के लिए अधिक बाजार पहुंच और कम टैरिफ की मांग कर रहा है। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि किसानों की भलाई पहली प्राथमिकता है। उन्होंने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

“प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट निर्देश है कि भारत का हित सर्वोपरि है। किसानों, मछुआरों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हितों से कोई समझौता नहीं होगा। अमेरिका सोचता है कि हम दबाव में आएंगे, लेकिन आज का भारत आत्मविश्वास के साथ खड़ा है।”

चौहान ने बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में 5.75 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद, जैसे बासमती चावल, मसाले, और प्रोसेस्ड अनाज, अमेरिका को निर्यात किए, जबकि अमेरिका से केवल 2.22 अरब डॉलर के उत्पाद आयात किए। यह व्यापारिक लाभ भारत के पक्ष में है, और सरकार इसे बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस पर तीखा हमला

चौहान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हर मुद्दे को विदेशी साजिश से जोड़कर राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने की कोशिश करती है। उन्होंने विशेष रूप से राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों का जिक्र किया, जिनमें उन्होंने विदेश में भारत की आलोचना की थी। चौहान ने कहा:

“कांग्रेस हर काम में बाहरी प्रभाव ढूंढती है। राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत को बदनाम करते हैं, लेकिन देश की जनता उनकी सच्चाई जानती है। हमारी सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।”

भारत की कृषि उपलब्धियां और संरक्षण के प्रयास

चौहान ने जोर देकर कहा कि भारत ने इस साल 3.7% की रिकॉर्ड कृषि वृद्धि हासिल की है, जिसके परिणामस्वरूप गेहूं, चावल, और मक्का का उत्पादन अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 2,170 वैज्ञानिकों की टीमें किसानों के खेतों पर भेजी हैं, जो 3 अक्टूबर से रबी सीजन के लिए नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी साझा करेंगी।

इसके अलावा, नकली और अप्रभावी कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) या कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा प्रमाणित उत्पादों को ही बेचने की अनुमति होगी, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ FIR, लाइसेंस रद्दीकरण, और मुआवजा देने की कार्रवाई होगी।

किसान नेताओं का समर्थन

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने पीएम मोदी और चौहान के रुख की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसान तीन महीने से आशंकित थे कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में किसानों के हितों से समझौता हो सकता है, लेकिन सरकार के इस रुख ने उनकी चिंताओं को दूर किया।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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